गुरुवार, 24 जून 2010

ताल छापर अभयारण्य के विकास को लेकर विचार-विमर्श

चूरू, 24 जून। ताल छापर अभयारण्य के विकास को लेकर कलक्ट्रेट सभागार में गुरुवार को बैठक का आयोजन किया गया। जिला कलक्टर डॉ कृष्णाकांत पाठक की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में अभयारण्य के विकास से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श किया गया।

इस मौके पर जिला कलक्टर डॉ पाठक ने कहा कि ताल छापर अभयारण समूचे विश्व में अपनी पहचान रखता है और दुनियाभर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। उन्होंने कहा कि सभी विभागों से जुड़े अधिकारियों को अभयारण्य के विकास, सौंदर्यीकरण और सुविधाओं के विस्तार के लिए सकारात्मक सोच के साथ कार्य करना चाहिए ताकि अधिक से अधिक पर्यटकों का रूझान अभयारण्य की ओर बढे। उन्होंने बताया कि जिले में ब्रॉडगेज ट्रेनें शुरू होेने के बाद अभयारण्य में आने वाले पर्यटकों की संख्या में खासा इजाफा होगा।

इस मौके पर जिला कलक्टर ने नमक इकाइयों की शिफ्टिंग और नवीनीकरण को लेकर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। इसके अलावा गौशाला के आसपास पड़ी जमीन पर महानरेगा में चरागाह विकसित करने, गोपालपुरा-चाड़वास व छापर-रामपुरा सड़क का डामरीकरण के लिए प्रस्ताव तैयार करने, पर्यटन वेबसाइट पर अभयारण्य से जुड़ी जानकारी को अपडेट करने व अधिक फोटो लगाने, छापर पशु चिकित्सालय में कार्यरत चिकित्सकों को वाइल्ड लाइफ से संबंधित विशेष प्रशिक्षण दिलाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।

बैठक में सीईओ अबरार अहमद, उप वन संरक्षक केसी शर्मा, एसीएफ मनफूल िंसह, हरलाल सिंह, पशुपालन विभाग के उप निदेशक डॉ विजय मोहन चौधरी, एडीईओ रतन सिंह पूनिया सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

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