शुक्रवार, 4 जून 2010

बदलाव और नवाचार अपनाएं, बेहतर परिणाम दें

जिला परिषद सभागार में महानरेगा से जुड़े मसलों पर आयोजित हुई कार्यशाला
चूरू, 29 मई। महानरेगा से जुड़े विभिन्न पहलुओं को लेकर जिला परिषद सभागार में शनिवार को आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला वक्त के साथ योजना में आ रहे बदलाव और नवाचार को आत्मसात कर बेहतर परिणाम देने के संदेश के साथ संपन्न हुई।
कार्यशला को संबोधित करते हुए जिला कलक्टर डॉ कृष्णाकांत पाठक ने कहा कि महानरेगा को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए समय-समय पर बदलाव किए जा रहे हैं, इन्हें सकारात्मक भाव से ग्रहण करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बदलाव का लक्ष्य कार्य को सरल और बेहतर बनाना है। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी बातों को उपेक्षित न करें, छोटी-छोटी चीजों में किया गया सुधार ही बड़े परिणाम सामने लाता है।
उन्होंने बताया कि फार्म छह में परिवर्तन किया गया है तथा अब प्रत्येक जॉबकार्ड धारक परिवार से इस फार्म में भराया जाएगा कि उसे वर्ष में कब-कब महानरेगा में रोजगार की आवश्यकता है। इसके आधार पर ही मस्टररोल जारी किए जाएंगे। इसके बाद कोई भी व्यक्ति यह नहीं कह सकेगा कि उसे एक सौ दिन का रोजगार नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि महानरेगा श्रमिकों का भुगतान पंद्रह दिन के भीतर होना आवश्यक है। इसलिए भुगतान की प्रक्रिया को सरल बनाएं और अधिक सक्रियता से कार्य कर श्रमिको का भुगतान 10-15 दिन में ही करने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि महानरेगा कार्य की पैमाईश प्रक्रिया में भी बदलाव किया जा रहा है। अब कनिष्ठ तकनीकी सहायक पखवाड़ा समाप्त होने के दूसरे ही दिन पंचायत में जाकर कार्यों की पैमाईश करेगा। इससे भुगतान की प्रक्रिया में लगने वाले समय की बचत होगी। जिला कलक्टर ने कहा कि मेट को दिए जाने वाले पहचान कार्ड में उसकी परफोर्मेंस भी अंकित रहेगी और बार-बार अनियमितता पाए जाने पर उसे काम से हटाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि मेट नियुक्ति की प्रक्रिया में बदलाव किया जाएगा और पंचायत समितियों पर वाक-इन-इंटरव्यू के जरिए हर माह मेटों की नियुक्ति की जाकर पैनल बनेंगे। उन्होंने बताया कि दक्ष तकनीकी मेटों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, ये मेट और जेटीए के बीच की कड़ी का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि महानरेगा कार्य से जुड़ा हुआ प्रत्येक व्यक्ति योजना में पारदर्शिता, नवाचार और सुधार के लिए सोचे और अपना सुझाव भी दें। सर्वश्रेष्ठ सुझाव देने वाले को प्रोत्साहित किया जाएगा।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अबरार अहमद ने महानरेगा कार्यो में मेटों को रोस्टर से ही काम पर लगाए जाने के निर्देश देते हए कहा कि गांवों में स्वीकृत भारत निर्माण राजीव गांधी केंद्रों का काम शुरू कराएं और इन केंद्रों में वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर के प्रस्ताव एडिशनल प्लान में जोड़ें। उन्होंने विकास अधिकारियों से कहा कि नियमित रूप से अपने स्टोर को चैक कर यह तय करें कि कोई उपयोगी वस्तु स्टोर में लंबे समय तक उपेक्षित नहीं पड़ी रहे। उन्होंने कहा कि क्रय किए गए सामान का समुचित उपयोग होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिले में भीषण गर्मी पड़ रही है, इसलिए मजदूरों के छाया, पानी और आवश्यक दवाओं की व्यवस्था में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए।
कार्यशाला में लेखाधिकारी इंद्राज सिंह, एमआईएस मैनेजर भंवर सिंह बीका, चूरू विकास अधिकारी गोपीराम भांबू, राजगढ विकास अधिकारी गोपीराम महला, सुजानगढ बीडीओ मूलाराम, तारानगर बीडीओ सुलतान सिंह बेनीवाल सहित कनिष्ठ तकनीकी सहायक, ग्राम सेवक, ग्राम रोजगार सहायक, ऑपरेटर व महानरेगा से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।
जन अभियोग प्रकरणों का निपटारा तत्परता से करें - कलक्टर
चूरू, 29 मई। जिला कलक्टर डॉ के के पाठक की अध्यक्षता में शनिवार को आयोजित जिला जन अभियोग एवं सतर्कता समिति की बैठक में पंद्रह प्रकरणों पर विचार-विमर्श कर चार प्रकरणों का मौके पर ही निस्तारण किया गया तथा शेष प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के निर्देश अधिकारियों को दिए गए।
बैठक में जिला कलक्टर ने कहा कि बकाया प्रकरणों में शीघ्र जांच कर अगली बैठक से पूर्व जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करें। जिन अधिकारियों द्वारा जांच रिपोर्ट अब तक नहीं भिजवाई गई है, उनको कारण बताओ नोटिस जारी करें। डॉ पाठक ने कहा कि जन अभियोग निराकरण के प्रकरणों को सरकार गंभीरता से ले रही है। अधिकारियों को चाहिए कि वे सतर्कता समिति में दर्ज प्रकरणों का तत्परता से निपटाएं। इसमें किसी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अतिरिक्त कलक्टर बीएल मेहरड़ा ने बैठक का एजेंडा प्रस्तुत करते ुए कहा कि यह बैठक महत्वपूर्ण होती है, इसलिए इसे गंभीरता से लिया जाए। उन्होंनेे कहा कि बैठक में अनुपस्थित अधिकारियों को नोटिस दिए जाएंगे। बैठक में संबंधित जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।
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