मंगलवार, 22 जून 2010

अधिकारी मिड डे मील की गुणवत्ता जांच करें - कलक्टर

चूरू, 17 जून। जिला कलक्टर डॉ के के पाठक ने अधिकारियों से कहा है कि वे निर्धारित मानदंडों के अनुसार भ्रमण के दौरान विद्यालयों में जाकर मिड डे मील का निरीक्षण करें तथा दोपहर के भोजन को चखकर गुणवत्ता की जांच करें।
जिला कलक्टर गुरुवार को कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित राष्ट्रीय पोषाहार सहायता कार्यक्रम बैठक में अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अधिकारी जब विद्यालयों में जाएं, तो पांच रुपए का कूपन लेकर सहभोज करें। उन्होेंने पटवारियों एवं ग्राम सेवकों को भी सहभोज के लिए निर्देश दिए हैं ताकि मिड डे मिल गुणवत्ता की प्रभावी जांच हो सके।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के लिए मिड डे मिल संबंधित गांव में ही बनाया जाए, जिससे कि उसकी गुणवत्ता ठीक हो। कुक का भुगतान वाउचर से या स्वयं सहायता समूह व एनजीओ के जरिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि रसोईविहीन विद्यालयों में किचन शैड बनाए जाएं। जिन विद्यालयों में स्थानाभाव व अन्य कारणों से किचन नहीं बने हैं, वे नए प्रस्ताव बनाकर भिजवा दें। उन्होंने कहा कि एकीकरण की सूची को देखकर शौचालयों के प्रस्ताव तैयार कर 30 जून तक भिजवा दें ताकि वांछित कार्यवाही की जा सके।
डॉ पाठक ने अधिकारियों से कहा है कि वे किचन शैड एवं विद्यालय विकास के लिए आवंटित राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र तत्काल भिजवाएं अन्यथा इसे गंभीरता से लेते हुए संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी अबरार अहमद ने बताया कि जिले में आदर्श रसोईघर योजनांतर्गत मई 2010 तक एक हजार 181 रसोईघरों पूर्ण हो चुके हैं तथा 111 रसोईघरों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि अब तक इस कार्य पर 609.66 लाख रुपए व्यय हो चुके हैं। उन्होंने मिड डे मील की गुणवत्ता के लिए प्रभावी मॉनेटरिंग की आवश्यकता पर बल दिया है। बैठक में संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।
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