शुक्रवार, 4 जून 2010

अन्न सुरक्षा योजना में बदलते रहें कर्मचारी- भाणावत

रीको प्रबंध निदेशक एवं जिले के प्रभारी सचिव ने अधिकारियों को दिए आवश्यक निर्देश
चूरू, 26 मई। राजस्थान औद्योगिक विकास निगम के प्रबंध निदेशक एवं जिले के प्रभारी सचिव राजेंद्र भाणावत ने मुख्यमंत्री अन्न सुरक्षा योजना में खाद्यान्न वितरण के दौरान बदल-बदल कर कर्मचारी नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं ताकि राशन डीलर व कर्मचारी के बीच मिलीभगत तथा किसी प्रकार की अनियमितता की गुंजाईश ही नहीं रहे।
प्रभारी सचिव बुधवार को कलक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित अधिकारियों की बैठक में अकाल राहत, नरेगा, मुख्यमंत्री अन्न सुरक्षा योजना, पेयजल एवं विद्युत आपूर्ति सहित विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अन्न सुरक्षा योजना योजना बीपीएल परिवारों के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना है, इसका समुचित लाभ पात्र लोगों को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों की उपस्थिति में दो रुपए किलो के हिसाब से लोगों को 25 किलो गेहूं प्रत्येक बीपीएल परिवार को मिल जाए, इसे सुनिश्चित करें तथा गैरहाजिर रहने पर कर्मचारी पर कार्यवाही करें।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सकारात्मक सोच के साथ समन्वित प्रयास करें ताकि पात्र लोगों को योजनाओं का लाभ मिले। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे लक्ष्य प्राप्ति के साथ-साथ यह भी प्रयास करें कि योजनाओं का समुचित लाभ लोगों तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी में जिले में पेयजल एवं विद्युत आपूर्ति सुचारू बनी रहे, इसके पुख्ता प्रबंध करें। कंटीजेंसी योजना के तहत अधूरे कार्यों को पूर्ण कराएं तथा पूर्ण कार्यों को शीघ्र चालू कराएं ताकि गर्मी के इस मौसम में योजना का लाभ जल्दी से जल्दी लोगों को मिल सके। उन्होंने कहा कि जहां पेयजल की दिक्कत है, वहां टैंकरों के जरिए इसकी आपूर्ति की जाए। उन्होंने गत पांच वर्षों में टैंकरों से पेयजल आपूर्ति पर हुए व्यय की वर्षवार सूचना भिजवाने के निर्देश भी जलदाय अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि टैंकर के जरिए पेयजल आपूर्ति वाले स्थानों में कूपन लाभार्थी के पास रहें ताकि किसी प्रकार की लापरवाही और अनियमितता नहीं हो।
भाणावत ने अकाल राहत की समीक्षा करते हुए प्रभावित क्षेत्रों में स्वीकृत कार्यों पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार दिए तथा आवश्यकता के मुताबिक चारा डिपो की संख्या व चारे की मात्रा बढाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले में कम बरसात और भौगोलिक स्थिति को देखते हुए बूंद-बूंद सिंचाई पद्धति को बढावा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि नरेगा कार्यस्थलों पर छाया, पानी एवं आवश्यक दवाएं उपलब्ध रहे तथा श्रमिकों का भुगतान समय पर हो जाए। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों को शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के निर्देश देते हुए कहा कि विद्यालयों का सघन निरीक्षण करें और शिक्षण के प्रति लापरवाह शिक्षकों पर कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि यदि शिक्षा के स्तर में सुधार हो जाएगा, तो विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या स्वतः ही बढ जाएगी। उन्होंने कहा कि बीपीएल विद्यार्थियों को सत्र के प्रारंभ में ही छात्रवृत्ति वितरित करवा दें ताकि उन्हें इसका समुचित लाभ मिले।
हरित राजस्थान कार्यक्रम की चर्चा करते हुए प्रभारी सचिव ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए वे पौधे के रख-रखाव पर पांच साल तक होने वाले खर्च को शामिल कर प्रस्ताव तैयार करें ताकि पौधों को जीवित रखने के लिए समुचित पानी व सुरक्षा की व्यवस्था हो सके। उन्होंने बैठक में मुख्यमंत्री जीवन रक्षा कोष, समाज कल्याण, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, पशुपालन सहित विभिन्न विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर अधिकारियों को वांछित निर्देश दिए।
बैठक के दौरान जिला कलक्टर डॉ के के पाठक ने जलदाय विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे आवश्यकता के मुताबिक हाइड्रेंट्स बढाए। उन्होंने बताया कि जिले में नगरपालिका क्षेत्रों 750 श्रमिक तथा नरेगा कार्यों पर 79 हजार श्रमिकों को रोजगार सुलभ कराया जा रहा है। उन्होंने जिले में चल रहे विकास कार्यों एवं योजनाओं की प्रगति के बारे में प्रभारी सचिव को अवगत कराया। बैठक में जिला परिषद के सीईओ अबरार अहमद, एडीएम बी एल मेहरड़ा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
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