शुक्रवार, 4 जून 2010

जन्म-मृत्यु पंजीकरण जरूरी- डॉ पाठक

चूरू, 25 मई। जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन कार्य में अधिक कुशलता लाने और अब तक की उपलब्धियों की समीक्षा के लिए एक दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण मंगलवार को कलक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित किया गया।
प्रशिक्षण को संबोधित करते हुए जिला कलक्टर डॉ के के पाठक ने कहा कि जन्म-मृत्यु का पंजीकरण देश के विकास से सीधे-सीधे जुड़ा हुआ बिंदु है क्योंकि आंकड़ों के आधार पर ही विकास योजनाओं का निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि अगर योजनाओं के निर्माण का आधार ही गलत होगा तो फिर उन योजनाओं के सार्थक परिणाम सामने नहीं आ पाएंगे, इसलिए जन्म और मृत्यु के रजिस्ट्रेशन कार्य में अधिक कुशलता और शत-प्रतिशत उपलब्धियों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जनगणना 2011 के आधार पर प्रत्येक नागरिक को विशेष पहचान नंबर दिए जाएंगे, जिससे प्रत्येक व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित होगी। इस यूनिक आईडेंटिफिकेशन कार्ड के लिए भी जन्म प्रमाण पत्र आवश्यक होगा।
प्रशिक्षण के दौरान जिला सांख्यिकी अधिकारी सत्यनारायण शर्मा ने बताया कि जिले में वर्ष 2010 में जनवरी से मार्च तक 14049 जन्म पंजीयन किए गए हैं, जो पूरे साल के लिए निर्धारित लक्ष्य का 21.83 प्रतिशत है। इसी पर््रकार इन तीन माहों में 2262 मृत्यु पजीयन किए गए हैं जो वार्षिक लक्ष्य का 14.22 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2008 में जिले में जन्म पंजीकरण में 63.49 तथा वर्ष 2009 में 77.36 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की गई थी, जबकि मृत्यु पंजीकरण में वर्ष 2008 में 57.14 तथा वर्ष 2009 में 58.23 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की गई। उन्होंने बताया कि भौरूका चैरिटेबल ट्रस्ट, आईआईएचएमआर के सहयोग से सार्वभौमिक जन्म पंजीकरण कार्यक्रम का संचालन जनवरी 2006 से अब तक विभिन्न चरणों मेंं किया जा रहा है।
इस दौरान इंडियन इन्स्टीट्यूट ऑफ हैल्थ मैनेजमेंट रिसर्च की ऎसोसिएट प्रोफेसर नूतन जैन, बीसीटी के प्रोजेक्ट लीडर देवानंद श्रीवास्तव और प्रोजेक्ट सहायक श्रीमती यशवंती पूनिया सहित विकास अधिकारी, अधिशाषी अधिकारी,, शिक्षा अधिकारी, सीएमएचओ सहित अन्य प्रशिक्षणार्थी मौजूद थे।
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