शुक्रवार, 4 जून 2010

सुरक्षा का वातावरण मिले तो रूके कन्या भ्रूण हत्या

पीसीपीएनडीटी एक्ट और ‘बेटी बचाओ’ अभियान को लेकर कलक्ट्रेट में कार्यशाला
चूरू, 27 मई। ‘बेटी बचाओ’ अभियान और पीसीपीएनडीटी एक्ट को लेकर गुरुवार को कलक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में यह आम राय उभरी कि कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए ग्रास रूट लेवल पर कार्य कर आमजन को जागरुक करना होगा।
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए जिला कलक्टर डॉ के के पाठक ने कहा कि जब समाज में लड़कियों के प्रति और लड़कियों की बहुलता वाले परिवारों के प्रति सुरक्षा का माहौल बनेगा, तो स्वतः ही कन्या भ्रूण हत्या की दर मे कमी आएगी। उन्होंने कहा कि समस्या जहां से शुरू होती है, उसका समाधान भी वहीं से खोजने का प्रयास किया जाना चाहिए। सामाजिक बुराइयों की जड़ें इतनी गहरी होती हैं कि केवल कानून से उस पर नियंत्रण पाया जाना मुश्किल होता है। सामाजिक बदलाव के जरिए ही इन सामाजिक कुरीतियों को जड़ से मिटाया जा सकता है।
जिला कलक्टर ने कहा कि हमें इस धारणा से मुक्त होना चाहिए कि लिंगानुपात घटने से नारी का महत्व बढ जाएगा। उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास के बावजूद कहीं न कहीं हमारा समाज मानसिक विकास से वंचित है, तभी इस तरह की बुराइयां घर किए हुए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि सुविधा सेक्टर के विकास के साथ ही महिलाओं की स्थिति में खासा सुधार आएगा। उन्होंने कहा कि ट्रेकिंग सिस्टम अपनाकर और गर्भवती महिलाओं पर लगातार मॉनेटरिंग के जरिए सामाजिक दबाव बनाकर उन्हें कन्या भ्रूण हत्या से रोका जा सकता है। प्रोफेसर सरोज हारित ने कहा कि लिंग समानता की बात लोगों के दिमाग में डालनी होगी और कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ एक माहौल का निर्माण करना होगा। उन्होंने कहा कि मीडिया को भी इस सामाजिक बदलाव का वाहक बनना चाहिए। कार्यशाला के दौरान पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के जरिए पिछले सालों में लिंगानुपात के आंकड़े प्रदर्शित किए गए और उन पर गहन विचार-विमर्श किया गया। कार्यशाला में इस बात पर बल दिया गया कि सोनोग्राफी मशीनों को केवल लिंग परीक्षण से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। वर्तमान समय में कई तरह की बीमारियों की चिकित्सा के लिए सोनोग्राफी आवश्यक है लेकिन इस तकनीक का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए।
बैठक में सत्यपाल सोलंकी, रेडियोलोजिस्ट डॉ बीएल नायक, डॉ मुमताज अली, राजन चौधरी, भंवर लाल रूइल, प्रदीप पूनिया, डॉ सीएल गहलोत, बजरंग हर्षवाल, डिप्टी कंट्रोलर राजकुमार सोनी, डॉ बी के चौधरी सहित संभागियों ने विचार व्यक्त किए। सीएमएचओ वीके जिंदल ने आभार जताया। कार्यशाला का संचालन डॉ एफएच गौरी ने किया।
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