शुक्रवार, 7 मई 2010

समय पर हो नरेगा श्रमिकों को भुगतान - सिंह


संभागीय आयुक्त ने अधिकारियों की बैठक में बिजली-पानी आपूर्ति, महानरेगा, अकाल राहत और विकास कार्यों की समीक्षा की
चूरू, 07 मई। संभागीय आयुक्त प्रीतम सिंह ने गुरुवार को सरदारशहर में आयोजित बैठक में बिजली-पानी आपूर्ति, महानरेगा, अकाल राहत और विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
इस मौके पर संभागीय आयुक्त ने कहा कि महानरेगा श्रमिकों का भुगतान हर माह की पंद्रह तारीख से पूर्व हो जाए ताकि श्रमिक 15 तारीख के बाद सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मिलने वालेे दो रुपए किलो गेहूं खरीद सकें। उन्होंने कहा कि ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ के तहत शुरू की गई मोबाईल लैब को अधिक प्रभावी और सक्रिय बनाकर इस तरह कार्यवाही करें कि मिलावटखोरों में भय का माहौल बने। उन्होंने डीएसओ को निर्देशित किया कि वे दूध के अलावा अन्य खाद्य पदार्थों की भी जांच मोबाइल लैब से करें और एफएसएल रिपोर्ट शीघ्र मंगवाएं ताकि मिलावटखोरों पर प्रभावी कार्यवाही हो सके।
संभागीय आयुक्त ने कहा कि जिले में पेयजल आपूर्ति सुचारू बनी रहे, इसके लिए लगातार मॉनीटरिंग करें और कहीं भी पेयजल समस्या पैदा होने पर तत्परता से उसे हल करें। उन्होंने कहा कि पेयजल कंटीजेंसी प्लान के अधूरे कार्यों को जल्दी पूरा कराएं ताकि लोगों को इसका लाभ मिल सके। संभागीय आयुक्त ने सीएमएचओ से कहा कि जिलेभर में आपूर्ति किए जा रहे पेयजल के नमूने लेकर जांच कराएं और यदि कहीं अशुद्ध जल की आपूर्ति हो रही है तो उसे बदलने की कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर बन रहे भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केंद्रों के निर्माण की प्रगति की मॉनीटरिंग कर इन्हें समय रहते निर्माण कार्य पूर्ण कराएं। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी इमारतों में वाटर रिचार्ज स्ट्रक्चर बनाने के लिए कार्यवाही शुरू करें। संभागीय आयुक्त ने कहा कि हरित राजस्थान अभियान को प्राथमिकता में लें और अभी से तैयारी शुरू करें ताकि आगामी बरसात के मौसम में अधिकाधिक पौधरोपण किया जा सके।
उन्होंने कहा कि स्वीकृत चारा डिपो को शीघ्र शुरू किया जाए। संभागीय आयुक्त ने शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे प्रवेशोत्सव के दौरान शिक्षा से वंचित शत-प्रतिशत बच्चों को नामांकन से जोड़े और शाला में उनका ठहराव भी सुनिश्चित करें।
जिला कलक्टर डॉ कृष्णाकांत पाठक ने इस मौके पर बताया कि जिले में आपणी योजना से वंचित इलाकों को जोड़ने के लिए 1330 करोड़ के प्रस्ताव वल्र्ड बैंक को भेेेजे गए हैं। उन्होंने बताया कि टैंकर्स से जलापूर्ति के लिए पीएचईडी के हाइड्रेंट बढाए जा रहे हैं। उन्होंने निर्देशित किया कि टैंकर कूपन वाहन चालक की बजाय गांव में सरपंच, पंच, कर्मचारी अथवा अन्य किसी व्यक्ति के पास रहना चाहिए ताकि इसमें किसी तरह की अनियमितता की गुंजाईश नहीं रहे। जिला कलक्टर ने सीएमएचओ को निर्देशित किया कि वे प्रत्येक पीएचसी प्रभारी के जरिए संबंधित क्षेत्र में पेयजल स्रोतों से पानी के नमूने लेकर जांच करवाएं ताकि किसी भी प्रकार की जलजनित बीमारी की आशंका नहीं रहे। जिला कलक्टर ने बताया कि जिले में फिलहाल 85 हजार 388 श्रमिक महानरेगा में नियोजित हैं और अगले पखवाड़े में इनकी संख्या में काफी इजाफा होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि नगरपालिका क्षेत्रों में 880 श्रमिक नियोजित हैं। जिले में स्वीकृत 160 चारा डिपो में से 110 शुरू कर दिए गए हैं।
बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अबरार अहमद, एडीएम बीएल मेहरड़ा, सरदारशहर एसडीएम लोकेश सहल, तारानगर एसडीएम रामगोपाल प्रजापत, राजगढ एसडीएम रामनिवास जाट, सुजानगढ एसडीएम अजीत सिंह राजावत, रतनगढ एसडीएम के के गोयल, आपणी योजना के अधीक्षण अभियंता, डीएसओ, डीईओ (प्रारंभिक), एसएसए के अतिरिक्त परियोजना समन्वयक सहित संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

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