सोमवार, 5 जुलाई 2010

स्वच्छता कार्यक्रम को सफल बनाएं - कलक्टर

चूरू, 02 जुलाई। जिला कलक्टर डॉ के के पाठक ने कहा है कि संपूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम किसी एक व्यक्ति का कार्यक्रम नहीं है, अपितु मानव के स्वास्थ्य से जुड़ा एक जनकल्याण का कार्यक्रम है, इसके सफल क्रियान्वयन के लिए सरकारी प्रयासों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों, स्वैच्छिक संगठनों एवं समाज के सभी वर्गों के लोगों का सहयोग जरूरी है।
जिला कलक्टर शुक्रवार को भौरूका चेरिटबल ट्रस्ट की ओर से आयोजित केयर राजस्थान, जिला परिषद एवं स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से संपूर्ण स्वच्छता पर आयोजित एक दिवसीय आमुखीकरण कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जिले में चयनित 16 निर्मल ग्राम पंचायतों के स्तर को बनाए रखें तथा प्रस्तावित 11 निर्मल ग्राम पंचायतों में स्वच्छता के सभी मानदंडों को पूरा करते हुए इन्हें संपूर्ण स्वच्छ बनाने के प्रयास करें। डॉ पाठक ने कहा कि कि संपूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में बने शौचालयों का उपयोग होना चाहिए। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से कहा कि वे गांव में बाहर शौच जाने की प्रवृत्ति पर रोक लगाएं तथा शौचालय में ही शौच जाने के लिए प्रेरित करें ताकि ग्राम स्वच्छ और ग्रामीण स्वस्थ रहें।
डॉ पाठक ने निर्मल गांव के चयनित 16 पंचायतों एवं प्रस्तावित 11 पंचायतों के सरपंचों से कहा कि वे आदर्श पंचायत के सरपंच हैं। अपनी पंचायतों को और अधिक आदर्श बनाएं ताकि अन्य पंचायतों के सरपंच भी इससे प्रेरणा लेे सकें। उन्होंने आशा सहयोगिनियों से कहा कि वे जननी सुरक्षा योजना की तरफ विशेष ध्यान दें तथा ज्यादा से ज्यादा महिलाओं का संस्थागत प्रसव कराएं। महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी सुलभ कराएं। उन्होंने कहा कि टीकाकरण के दिन ग्राम स्वास्थ्य समिति की बैठक बुलाई जाए। बच्चे को जन्म लेते ही मां का दूध पिलाया जाए, इससे बच्चे में रोगनिरोधक क्षमता का विकास होने से वह स्वस्थ रहेगा। परिवार कल्याण कार्यक्रम की चर्चा करते हुए जिला कलक्टर ने इसे बढावा देने के लिए अंतराल साधनों के उपयोग की आवश्यकता पर बल दिया। जिला कलक्टर ने कहा कि जिंदगी को उसकी लंबाई से नहीं, उसकी गहराई से नापा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी काम के लिए दूसरों को प्रेरित करने से पहले स्वयं को प्रेरित होना चाहिए। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से कहा कि वे सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की सफल क्रियान्विति में अपना सक्रिय सहयोग प्रदान करें और बचत की आदत डालें। उन्होंने कार्यशाला में भाग ले रहे सरपंचों व आशा सहयोगिनियों से कहा कि वे इस कार्यशाला से ज्ञान व प्रेरणा लें और गांवों में जाकर स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति लोगों को प्रेरित कर जागरुक बनाएं, तभी इस कार्यक्रम की सार्थकता साबित होगी।
कार्यशाला में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अबरार अहमद ने कहा कि किसी भी देश के विकास के लिए वहां के नागरिकों का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज हम भौतिक संसाधनों को अहमियत दे रहे हैं, जबकि शिक्षा, स्वच्छता और स्वास्थ्य अर्थात मानव संसाधनों की ओर कम ध्यान दे रहे हैं। इस सोच को बदलते हुए हमें मानव संसाधनों को अधिक महत्व देना होगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की माताएं और बच्चे स्वस्थ नहीं होंगे तो भौतिक संसाधनों का उपयोग कौन करेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में गांवों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम और आशा जो समाज सेवा का कार्य कर रही हैं, वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि हमें उनका मूल्यांकन उनके मानदेय से नहीं, अपितु उनके कार्य से करना चाहिए। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से कहा कि वे ग्रास रूट पर लगे कार्मिकों का विकास कार्यों में सहयोग करें तथा उनका मनोबल बढाएं।
आरसीएचओ डॉ अजय चौधरी ने जनप्रतिनिधियों एवं आशा सहयोगिनियों से कहा कि वे स्वच्छता और स्वास्थ्य के सभी मानदंड पूरे करें तथा मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करें। उन्होंने छह जानलेवा बीमारियों की जानकारी देते हुए उनकी रोकथाम और बचाव के उपायों व टीकों के बारे में जानकारी दी। कोर्डिनेटर पंकज शर्मा ने ग्राम स्वास्थ्य समिति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। केयर राजस्थान के कार्यक्रम अधिकारी सैयद मोहम्मद अब्बास ने समेकित पोषण एवं स्वास्थ्य कार्यक्रम के बारे में बताया। संपूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम के कोर्डिनेटर श्याम सुंदर ने संपूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम के उद्देश्यों एवं निर्मल ग्राम के लिए पात्रता के बारे में प्रकाश डाला। कार्यशाला में 27 ग्राम पंचायतों के सरपंच, आशा सहयोगिनियों सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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