मंगलवार, 6 जुलाई 2010

वास्तविक पीड़ितों को मिले सहायताः- मेहरड़ा

एडीएम ने ली महिला सहायता समिति की बैठक, बैठक के निर्णयों की शीघ्र पालना के निर्देश
चूरू, 06 जुलाई। अतिरिक्त कलक्टर बी एल मेहरड़ा ने मंगलवार को कलक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला स्तरीय महिला सहायता समिति की बैठक में विभिन्न प्रकरणों पर चर्चा के बाद आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए।
इस मौके पर एडीएम मेहरड़ा ने कहा कि महिला सहायता समिति द्वारा वास्तव में पीड़ित महिलाओं को सहायता मिले, इसके लिए आवश्यक है कि संरक्षण अधिकारी संपूर्ण तथ्यों और वास्तविक स्थिति सहित अपनी रिपोर्ट दें। उन्होंने कहा कि अधूरी सूचनाओं से कोई निर्णय लेना संभव नहीं हो पाता है। प्रत्येक मामले में स्वयं सीडीपीओ मौके पर जाए और संबंधित पक्षों से मिलकर मामले की तहकीकात करे। उन्होंने कहा कि पीड़ित पक्ष के बयानों के साथ-साथ संबंधित दस्तावेज भी प्राप्त करें, जिससे समिति को प्रकरण के निस्तारण में आसानी हो। उन्होंने कहा कि पीड़िता की आर्थिक स्थिति कमजोर होने पर न्यायालय में वाद दायर होने के बावजूद जिला स्तरीय समिति की ओर से उसे आर्थिक सहायता दी जा सकती है।
उन्होंने कहा कि महिला उत्पीड़न के मामलों में पीड़िताओं को न्याय दिलाने के लिए आवश्यक है कि उन्हें जिला स्तरीय महिला सहायता समिति और उसके नेटवर्क की पूरी जानकारी हो। उन्होंने इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश महिला एवं बाल विकास उपनिदेशक को दिए। उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय महिला सहायता समिति में चल रहे प्रकरणों से संबंधित पक्षकारों को भी बैठक में बुलाएं ताकि उनसे बातचीत कर मामलों की हकीकत जानी जा सके। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग के पास बहुत बड़ा नेटवर्क है, जिसकी पहुंच समाज के दलित एवं वंचित तबके तक है। इस नेटवर्क का उपयोग इन तबकों में जागरुकता लाने के लिए करें। एडीएम ने कहा कि ग्राम सभाओं के द्वारा यदि कोई नियम-विरूद्ध नियुक्ति कर दी जाती है तो उसकी समीक्षा करें और उसे निरस्त कराने की कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि न्यायालय में वाद दायर होने के बाद भी महिला उत्पीड़न के मामलों की प्रभावी मॉनेटरिंग करें और प्रगति की रिपोर्टिंग करते रहें।
एडीएम ने इस मौके पर पूर्व बैठक में लिए गए निर्णयों की पालना में लापरवाही बरतने पर महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिेदेशक को स्पष्टीकरण के निर्देश दिए तथा बैठक में अनुपस्थित रहने वाले बाल विकास परियोजना अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि बैठक में लिए गए निर्णयों की त्वरित पालना करें और कार्यवाही की सूचना दें।
महिला एवं बाल विकास उपनिदेशक सावित्री शर्मा ने बैठक में बताया कि समिति में दर्ज हुए 115 प्रकरणों में से 109 का निस्तारण किया जा चुका है। बैठक में चंदा देवी रतनगनगर, अनिता सोनी बीकानेर, मंजू देवी राजलदेसर, प्रेमलता देवी सांखण ताल तथा पानादेवी जासासर से संबंधित मामलों पर विचार-विमर्श कर निर्णय लिए गए। इस दौरान समाज कल्याण अधिकारी रामनिवास यादव, राजगढ सीडीपीओ करणीदान, रतनगढ सीडीपीओ पुष्पलता मंडार, एडवोकेट धन्नाराम सैनी सहित सीडीपीओ, प्रचेता, एनजीओ प्रतिनिधि मौजूद थे।
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