गुरुवार, 15 जुलाई 2010

लापरवाह नर्सों पर होगी कार्यवाही

जिला ग्रामीण स्वास्थ्य समिति की बैठक में कलक्टर डॉ पाठक ने दिए आवश्यक निर्देश
चूरू, 15 जुलाई। अपनी ड्यूटी निभाने में कोताही और लापरवाही बरतने वाली एएनएम की अब खैर नहीं। कलक्टर डॉ कृष्णाकांत पाठक ने जननी सुरक्षा योजना सहित विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं में न्यून उपलब्धियों वाली एएनएम के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करते हुए उनके स्थानांतरण और निलंबन के निर्देंश दिए हैं।
गुरुवार को कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला ग्रामीण स्वास्थ्य समिति की बैठक में जिला कलक्टर डॉ पाठक ने अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए और कहा कि जन-स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले कर्मचारियों पर कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही जरूरी है। उन्होंने कहा कि जननी सुरक्षा योजना में जिन कर्मचारियों को नोटिस दिए गए हैं, उन पर अग्रिम कार्यवाही तत्काल की जाए। जिला कलक्टर ने इस मौके पर पीसीटीएस साफ्टवेयर में ऑनलाइन डाटा अपडेट नहीं रखने वाले कर्मचारियों पर भी कार्यवाही के निर्देश दिए।
जिला कलक्टर ने इस मौके पर कहा कि बरसात के मौसम में मलेरिया की आशंकाओं को देखते हुए सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर आवश्यक दवाएं रखवाएं और किसी भी तरह का बुखार होने पर लोगों को मलेरिया से बचाव की दवा दें। उन्होंने कहा कि दो साल एकदम समुचित ढंग से यह अभियान चलाए जाने पर मलेरिया की आशंकाओं को हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है। जिला कलक्टर ने ग्राम चाड़वास में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण में अनियमितता को लेकर सानिवि के अधीक्षण अभियंता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में एमआरएस के जरिए संचालित लाइफ लाइन स्टोर्स को अधिक बेहतर बनाएं और यह प्रयास करें कि सभी आवश्यक दवाएं उपभोक्ताओं को लाइफ लाइन पर उपलब्ध हो जाएं। इससे मरीजों को अच्छी कंपनी की दवाएं सही दरों पर मिल सकेंगी। उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय पर नगरीय पीएचसी के लिए उपलब्ध जमीन पर भवन निर्माण के लिए आवश्यक कार्यवाही करें। जिला कलक्टर ने जननी सुरक्षा योजना, संस्थागत प्रसव, मुख्यमंत्री जीवन रक्षा कोष, परिवार कल्याण कार्यक्रम, टीकाकरण, कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम, क्षय उन्मूलन कार्यक्रम, जिला अंधता नियंत्रण कार्यक्रम आदि की बिंदुवार समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिए।
बैठक में अतिरिक्त सीएमएचओ डॉ प्रशांत खत्री ने जनसंख्या सप्ताह के दौरान चल रही गतिविधियों एंव विभागीय प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि जिले में अप्रैल से जून तक 7522 संस्थागत प्रसव हुए हैं तथा 7108 महिलाओं को जेएसवाई का लाभ दिया गया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जीवन रक्षा कोष से 13 लाख 21 हजार 160 रुपए व्यय कर 23 हजार 360 मरीजों को लाभान्वित किया जा चुका है। जिला अंधता नियंत्रण कार्यक्रम में 1027 केटरेक्ट ऑपरेशन किए गए हैं। बैठक में जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अजय चौधरी, महिला एवं बाल विकास विभाग की उप निदेशक सावित्री शर्मा, डॉ रामकुमार घोटड़, डीएनओ ललित रंगा सहित संबंधित चिकित्सा अधिकारी मौजूद थे।

सभी अस्पतालों में बनेंगे वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर -
एसीएमएचओ डॉ प्रशांत खत्री ने बताया कि जिला अस्पताल व उप जिला अस्पताल सहित जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाए जाएंगे। इसके लिए निदेशालय स्तर से स्वीकृति मिल गई है, जिसके अनुसार जिले की सभी 10 सीएचसी तथा 59 पीएचसी में यह स्ट्रक्चर बनाए जाएंगे। प्रत्येक जिला व उप जिला अस्पताल के लिए 4.40 लाख, प्रत्येक सीएचसी के लिए 2.20 लाख तथा प्रत्येक पीएचसी के लिए 1.08 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है।
बनेंगे उप स्वास्थ्य केंद्र भवन -
बैठक में बताया गया कि जिले में 18 गांवों में एनआरएचएम अंतर्गत सब सेंटर बिल्डिंग बनाई जाएंगी। निदेशालय स्तर से प्रत्येक उप स्वास्थ्य केंद्र के भवन के लिए 10 लाख रुपए की प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति दी गई है। जिले के पुनसीसर, झोथड़ा, गडाना, कनवारी, ब्यामा, जिदेरासर, ढढेरूं गोंदरान, परावा, रेडा, न्यामा, बुकनसर बड़ा, भोजासर बड़ा, मालसर, पतलीसर पुरोहितान, सरदारपुरा, रेजड़ी, ढाणा व नरवासी में सब सेेंटर के भवन निर्माण की स्वीकृति जारी की गई है।
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