शुक्रवार, 23 जुलाई 2010

शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करें- कलक्टर

चूरू, 23 जुलाई। जिला कलक्टर डॉ के के पाठक ने चिकित्सा कार्य से जुड़े कार्मिकों से कहा है िकवे राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन एवं आरसीएच के अंतर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित विभिन्न योजनाओं में शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सकारात्मक सोच रखते हुए समर्पित भाव से कार्य करें ताकि जरूरतमंद लोगों को वांछित लाभ मिल सके।
जिला कलक्टर शुक्रवार को रतनगढ में राजकीय धन्वतंरि आयुर्वेद अ श्रेणी अस्पताल में मलेरिया उन्मूलन कार्य के प्रभावी क्रियान्वयन के संंबंध में आयोजित समीक्षा बैठक में चिकित्सा अधिकारियों, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा सहयोगिनियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मलेरिया रोग का निदान आसानी से हो सकता है। बुखार होते ही रक्त की जांच कराकर रोगी को क्लोरोक्वीन एवं पैरासिटामोल दिए जाने से ही वह ठीक हो सकता है। उन्होंने कहा कि जिस घर में बुखार का रोगी हो, वहां स्वस्थ व्यक्ति को भी क्लोरोक्वीन दे दें ताकि मच्छर काटने से स्वस्थ मनुष्य में मलेरिया का संक्रमण नहीं हो सके। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष मलेरिया उन्मूलन कार्य प्रभावी होने से इस वर्ष रतनगढ में मलेरिया के रोगी पिछले वर्ष से कम पाए गए। यदि इस वर्ष थोड़ा और अधिक प्रयास किया जाए तो रतनगढ मलेरिया से मुक्त हो सकता है। उन्होंने कहा कि इसमें एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आशा सहयोगिनियों को अपनी अहम भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि चिकित्सा कार्य को मिशन के रूप में लेकर सेवा भाव से कार्य करें, इसे व्यवसाय नहीं बनाएं।
डॉ पाठक ने गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच, संस्थागत प्रसव, एक साल तक के शत-प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण, नसबंदी और कॉपर टी निवेशन में शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने के निर्देश संबंधित को दिए। उन्होंने कहा कि ऎसा करने से जिले को पुरस्कार मिल सकेगा और जिला आगे बढेगा। उन्होंने कहा कि इसमें लापरवाही बरतने वालों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच में शून्य प्रगति वाली एएनएम पर सख्त कार्यवाही होगी तथा जिनकी उपलब्धि लक्ष्य से काफी कम है, उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिनका कार्य अच्छा होगा, उन्हें पुरस्कृत भी किया जाएगा। जिला कलक्टर ने कहा कि जिनकी प्रगति संतोषजनक नहीं है, वे सुधार करें। अगली बैठक में प्रगति अच्छी होनी चाहिए। जिला कलक्टर ने रतनादेसर की एएनएम को कार्य के प्रति घोर लापरवाही बरतने पर निलंबित करने के आदेश दिए। उन्होंने एसीएमएचओ को कार्य में लापरवाही बरतने वाले कार्मिकों पर सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए।
जिला कलक्टर ने आशा सहयोगिनियों को निर्देश दिए कि वे ग्रामीण क्षेत्रों में प्रसूता महिलाओं को अस्पताल में लाकर संस्थागत प्रसव कराएं। उन्होंने कहा कि लोगों को संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित करें। ग्रामीण क्षेत्र में इस प्रकार कार्य करें कि शत-प्रतिशत संस्थागत प्रसव हों। उन्होंने कहा कि जो महिलाएं नसबंदी नहीं कराना चाहती हैं, उन्हें कॉपर टी के लिए प्रेरित करें। एक बार कॉपर टी लगाने के बाद दस साल तक संतान होने की संभावना नहीं रहती है तथा आवश्यक होने पर इसे हटाया भी जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसमें लापरवाही बरतने वाली आशा को हटाकर दूसरी को नियुक्त किया जाएगा।
उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे ज्यादा से ज्यादा स्वयं सहायता समूह बनाकर उन्हें सक्रिय करें। उन्होंने कहा कि जब अजमेर में एक लाख महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुड़ सकती हैं तो चूरू में क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि थोड़ा प्रयास किया जाए तो चूरू में भी ऎसा हो सकता है। उन्होंने एएनएम, आशा सहयोगिनियों व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे चिकित्सा विभाग से संंबंधित सभी गतिविधियों के सफल क्रियान्वयन में आपसी समन्वय रखते हुए सामूहिक प्रयास करें। इससे सफलता अवश्य मिलेगी। जिला कलक्टर ने कहा कि सामान्य जरूरतों की वस्तुएं खरीदने के लिए राशि आवंटित की गई है, उससे आवश्यक सामान खरीद लेंं। राशि उपलब्ध होने के बावजूद उपयोग नहीं किए जाने पर आप स्वयं दोषी होंगे।
अतिरिक्त सीएमएचओ डॉ प्रशांत खत्री ने कहा कि जिन कार्मिकों की प्रगति कम रही है, उन्हें नोटिस दिया जाएगा। उन्होंने जिला कलक्टर को आश्वस्त किया कि आने वाले समय में और अधिक प्रयास कर सभी योजनाओें को गति दी जाएगी। बैठक में एसडीएम के के गोयल सहित चिकित्सा अधिकारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम, आशा सहयोगिनी मौजूद थीं।
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