सोमवार, 15 मार्च 2010

संभावित पेयजल संकट से निपटने के लिए अभी से तैयारी करें

प्रभारी सचिव भाणावत ने कहा, अधिकारी गांवों में जाकर देखें योजनाओं का क्रियान्वयन
चूरू, 15 मार्च। रीको के प्रबंध निदेशक एवं जिले के प्रभारी सचिव राजेंद्र भाणावत ने अधिकारियों से कहा है कि वे आगामी गर्मी के दौरान जिले में संभावित पेयजल संकट को देखते हुए अभी से ही कार्ययोजना बनाकर तैयारी करें ताकि इस समस्या की भयावहता को कम किया जा सके और लोगों को कम से कम परेशानी का सामना करना पड़े।
भाणावत सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में नरेगा, अकाल राहत एवं बिजली-पानी आपूर्ति सहित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं व विकास कार्यों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होने जलदाय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे यह सूचना भिजवाएं कि किस गांव में कब मोटर जलने की सूचना मिली और कितने दिन बाद उसे ठीक किया जा सका। उन्होंने आपणी योजना व जलदाय विभाग अधिकारियों से कहा कि एक ही विभाग के दो हिस्सों में समन्वय के अभाव में ग्रामीणों को परेशानी नहीं हो, इसके लिए मिल-जुलकर प्रयास करें। उन्होंने विद्युत अधिकारियों से कहा कि बिजली की कर्मी पेयजल आपूर्ति में व्यवधान नहीं बननी चाहिए।
असहाय सहायता योजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए भाणावत ने कहा कि कोई भी पात्र व्यक्ति इस योजना से वंचित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि गांवों में आवश्यकता के अनुसार चारा डिपो का संचालन कर यह सुनिश्चित करें कि पशुओं का पलायन नहीं हो। उन्होंने अगले वित्तीय वर्ष में प्रस्तावित बीपीएल सर्वे की चर्चा करते हुए अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि पात्र लोग ही इस सूची में शामिल होने पाएं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे गांवों में आकस्मिक निरीक्षण कर देखें कि जिस उद्देश्य से योजनाओं का संचालन किया जाता है, वास्तव में वे उद्देश्य पूरे हो रहे हैं अथवा नहीं। उन्होंने कहा कि आंकड़ों की उपलब्धियों के साथ-साथ यह भी जरूरी है कि लोगों का योजनाओं का लाभ मिले। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों को शैक्षणिक व मिड डे मिल गुणवत्ता जांच के लिए आकस्मिक निरीक्षण के निर्देश दिए। उन्होंने जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक व अग्रणी बैंक प्रबंधक को निर्देशित किया कि जिन आर्टीजनों को पहचान कार्ड जारी किए गए हैं, उन्हें क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएं। उन्होंने कहा कि नरेगा में श्रमिकों का भुगतान शीघ्र करने तथा नरेगा कार्यस्थलों पर आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
जिला कलक्टर डॉ के के पाठक ने जिले में चल रहे विकास कार्यों व कल्याणकारी योजनाओं में प्रगति से अवगत कराते हुए बताया कि 46 हजार से अधिक श्रमिकों के नरेगा में 100 दिन पूरे हो चुके हैं तथा 36 हजार श्रमिक फिलहाल फिलहाल विभिन्न कार्यों पर नियोजित हैंं। उन्होंने बताया कि नरेगा में 2800 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि अकाल राहत अंतर्गत 1120 श्रमिक डवटेल किए गए कार्यों में तथा 3500 श्रमिक नरेगा कार्यस्थलों पर नियोजित हैं। जिला कलक्टर ने बताया कि मार्च के अंतिम पखवाड़े में नरेगा व अकाल राहत में श्रमिकों की संख्या बढेगी। उन्होंने बताया कि जिले के 74 गांवों में टैंकर के जरिए पेयजल आपूर्ति की जा रही है तथा 41 चारा डिपो संचालित किए जा रहे हैं।
बैठक में पेयजल संकट से निपटने के लिए कंटीजेंसी से कुछ राशि ग्राम पंचायतों को दिए जाने तथा अकाल राहत अंतर्गत ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर एक बोरी अनाज रखवाने पर भी विचार विमर्श किया गया। बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अबरार अहमद, एएसपी अनिल कयाल, माध्यमिक शिक्षा उपनिदेशक बलराम मीणा, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक ओमप्रकाश जांगिड़, डीएसओ हरलाल सिंह, अधीक्षण अभियंता जलदाय अनिल श्रीवास्तव, अधीक्षण अभियंता आपणी योजना, अधीक्षण अभियंता विद्युत एमएन चौहान, डीआईसी महाप्रबंधक देवेंद्र कुमार धूत, अग्रणी बैंक प्रबंधक केसी खरखोदिया, सहायक रजिस्ट्रार रामावतार चौधरी, सीएमएचओ विजय जिंदल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
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