सोमवार, 22 मार्च 2010

अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहुंचे राहत


जागरुकता शिविर में कलक्टर ने कहा, संवेदनशील बने अधिकारी, योजनाओं में हो गतिशीलता
चूरू, 19 मार्च। जिला कलक्टर डॉ के के पाठक ने कहा है कि जब तक हम समाज के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति की निगाह मे निगाह डालकर नहीं देखेंगे और उसकी आंख के आंसू नहीं पौंछेंगे, तब तक किसी भी योजना की सफलता और सार्थकता की उम्मीद करना बेमानी है।
जिला कलक्टर शुक्रवार को जिला मुख्यालय स्थित बालिका छात्रावास में अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की ओर से आयोजित जागरुकता शिविर को संबोधित कर रहे थे। डॉ पाठक ने कहा कि जिस उद्देश्य के साथ योजनाओं का निर्माण होता है, उसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए योजनाओं का क्रियान्वयन भी होना चाहिए तभी वास्तव में लक्ष्यों की प्राप्ति की जा सकती है। जिला कलक्टर ने कहा कि हम जिन चीजों को संस्कृति में शामिल करते हैं, उन तमाम चीजों का निर्माण श्रमिक वर्ग ही करता है। उन्होंने कहा कि निगम की योजनाओं का उद्देश्य है कि समाज का वंचित तबका स्वयं समर्थ बनकर उभरे, लेकिन योजनाओं की जटिल प्रक्रियाओं को आसान करना होगा। उन्होंने कहा कि अधिकारी गरीब व निर्धन वर्ग के लोगों की समस्याओं को लेकर संवेदनशील बनें और योजनाओं के क्रियान्वयन में गतिशीलता लाएं। उन्होंने कहा कि किसी भी योजना में नियम बदलने का कार्य उच्च स्तर पर ही हो सकता है लेकिन हम अपने काम करने के तरीके को तो अधिक सकारात्मक बना ही सकते हैं। जिला कलक्टर ने इस मौके पर शिविरार्थियों की समस्याएं सुनीं और समूह बनाकर योजनाओं का लाभ लेने तथा ऋण योजनाओं के आवेदन मई से पूर्व करने की अपील की।
इस मौके पर अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम नई दिल्ली के मुख्य प्रबंधक राजेश बिहारी, राजस्थान अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम जयपुर के प्रबंधक योगेंद्र कुमार जैन ने भी निगम द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि इन योजनाओं का वास्तविक लाभ तभी मिलेगा, जब इस वर्ग के लोग जागरुक तथा शिक्षित होंगे। अग्रणी जिला बैंक प्रबंधक केसी खरखोदिया ने अनूसूचित जाति विकास के लिए संचालित की जाने वाली बैंक की योजनाओं की जानकारी दी। निगम के जिला परियोजना प्रबंधक शंकरलाल शर्मा ने आभार जताया। संचालन सांख्यिकी सहायक ताराचंद ने किया। इस मौके पर समाज कल्याण अधिकारी रामनिवास यादव सहित अधिकारी, कर्मचारी एवं 300 से अधिक संभागी मौजूद थे।
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