बुधवार, 3 मार्च 2010

जनप्रतिनिधि ग्रामीण विकास का संकल्प लेंः मेघवाल

सुजानगढ के ग्रामीण क्षेत्र के दौरे में शिक्षा मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने सुने अभाव अभियोग
चूरू, 03 मार्च। शिक्षा, श्रम एवं नियोजन मंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार गांवों के चहुंमुखी विकास और सभी प्रकार की आधारभूत सुविधाओं को आम आदमी तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
मेघवाल बुधवार को सुजानगढ विधानसभा क्षेत्र के गांव लोढसर में आयोजित नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों के अभिनंदन समारेाह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। सुजानगढ में मीठा पानी लाने के अपने संकल्प को दोहराते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि अपने इसी कार्यकाल में वे अपने क्षेत्र के लोगों को पीने के लिए नहर का पानी उपलब्ध कराने के लिए भरपूर प्रयास करेगे। शिक्षा मंत्री ने कहा कि नरेगा योजना में अनुसूचित जाति, जनजाति, बीपीएल, लघु एवं सीमांत किसानों के खेतों में बरसाती पानी के संग्रहण के लिए कुंड स्वीकृत किए जाएंगे। इसके साथ ही खेतों में मेड़बंदी का कार्य भी करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि चूरू जिले में पानी का गंभीर संकट है लेकिन इससे निपटने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। किसी भी गांव को पानी-बिजली से वंचित नहीं रहने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अकाल राहत अंतर्गत बरसात नहीं होने तक ग्रामीणों का रोजगार मुहैया करवाया जाएगा।
उन्होनें जनप्रतिनिधियों से कहा कि वे अपने अधिकारों और दायित्वों केा समझते हुए गरीब को गणेश मानकर गांवों के चहुंमुखी विकास के लिए संकल्पबद्ध होकर कार्य करें। शिक्षा मंत्री ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि इस बार पंचायती राज में बड़ी संख्या में महिलाएं और युवा चुनकर आए हैं। यह हमारे समाज में आ रहे बदलाव और प्रगति का संकेत है। उन्होंने कहा कि सरकार की किसी भी कल्याणकारी योजना का भरपूर लाभ तभी मिल सकता है, जब आम आदमी पढा लिखा और जागरुक हो। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि जाति, धर्म और दूसरी किसी भी तरह की संकीर्णता से ऊपर उठकर पारदर्शिता और संवेदनशीलता से कार्य करें।
उन्होनें बताया कि राज्य में एक अप्रैल से बीपीएल सर्वे का कार्य शुरू किया जाएगा। उन्होंने पंचायती राज के जनप्रतिनिधियों का आह्वान किया कि वे निष्पक्ष रूप से सर्वे करवाएं तथा वास्तविक रूप से पात्र लोगों को ही इस सूची में शामिल करें ताकि अपना हक गरीबों को मिल सके।
पूर्व संसदीय सचिव इंद्रसिंह पूनिया ने कहा कि जनप्रतिनिधि सेवा के संकल्प के साथ कार्य शुरू करें। पूर्व प्रधान एवं जिला परिषद सदस्य पूसाराम गोदारा ने कहा कि जब तक जनता विकास के कार्यों में सहभागी नहीं बनेगी, तब तक समुचित विकास संभव नहीं है। इसलिए जनप्रतिनिधियों का सहयोग विकास योजनाओं में करें। उन्होेंने कहा कि वर्तमान में ‘पानी बचाओ, बिजली बचाओ, सबको पढाओ’ नारा एकदम प्रासंगिक है और हमें इसके मुताबिक पानी और बिजली की बचत और शिक्षा के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से कहा कि योजनाओं में भ्रष्टाचार नहीं हो और सभी योजनाएं गरीब व्यक्ति तक पहुंचे, ऎसा प्रयास करें। उन्होंने कहा कि पंचायती राज के जरिए संवेदनशील होकर कार्य करते हुए गरीब की झोंपड़ी की पक्के आवास में बदला जाना चाहिए।
समारोह में जिला परिषद सदस्यों, पंचायत समिति सदस्यों व सरपंचों का माल्यार्पण व साफा बांधकर अभिनंदन किया गया। समारोह में ग्रामीणों ने मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री व अन्य अतिथियों का स्वागत किया। संचालन एडवोकेट घनश्याम नाथ कच्छावा ने किया। जिला परिषद सदस्य हुकमाराम ने आभार जताया। समारोह में जिला प्रमुख कौशल्या देवी पूनिया, पूर्व जिला प्रमुख भवंरलाल पुजारी, प्रधान नानी देवी गोदारा, एसडीएम अजीत िंसह राजावत, जिला प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी ओमप्रकाश जांगिड़, श्रीमती केशर देवी, सुजानगढ कृषि उपज मंडी अध्यक्ष सुरजाराम ढाका, रामनारायण प्रजापत, अधिशाषी अभियंता एसएल इंदलिया, मोहम्मद इदरीश गौरी, कमला गोदारा, लोढसर सरपंच संतोष देवी सहित बड़ी संख्या में सुजागनढ क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, अधिकारी और ग्रामीण मौजूद थे। शिक्षा मंत्री ने बुधवार को ठरड़ा, बोबासर, मींगणा, धां, पार्वतीसर, खदाया, भीवंसर, खोडा, नौरंगसर, खारिया छोटा, खारिया बड़ा, सालासर, गुडावड़ी, भांगीवाद आदि गांवों में दौरा कर ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को निस्तारण के निर्देश दिए।
शिक्षा मंत्री गुरुवार को गनोड़ा, खंडाप, ढाणी रातड़ी, बाड़ा, मारोठिया, खारा, बिलंगा, सारोठिया, मालकसर, जीली, लिखमणसर, मूंदड़ा, मगरासर, कानूता, बाघसरा आथूणा आदि गांवों का दौरा करेंगे।
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