गुरुवार, 11 मार्च 2010

विकास का मॉडल जिला बनाएं चूरू को

शिक्षा मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल व प्रभारी मंत्री गुरमीत सिंह कुन्नर ने ली अधिकारियों की बैठक
चूरू, 08 मार्च। शिक्षा, श्रम एवं नियोजन मंत्री मास्टर भंवर लाल मेघवाल एवं प्रभारी मंत्री गुरमीत िंसह कुन्नर ने सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक में पेयजल, बिजली आपूर्ति, नरेगा, अकाल राहत सहित विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए विभिन्न योजनाओं में शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल कर चूरू को मॉडल जिले के रूप में विकसित करने का आह्वान किया।
शिक्षा मंत्री मास्टर भवंरलाल मेघवाल ने इस मौके पर कहा कि महानरेगा सहित किसी भी योजना में भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा तथा कार्य में गुणवत्ता से समझौता नहीं होगा। उन्होंने कहा कि महानरेगा में बीपीएल, अनुसूचित जाति, जनजाति, लघु व सीमांत किसानों के खेतों में कुंड बनाए जाएंगे। इससे एक तरफ ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा, वहीं बरसाती पानी के संरक्षण से पेयजल समस्या भी दूर होगी । उन्होंने कहा कि महानरेगा में खेतों की कण़ाबंदी, मेड़बंदी व पौधरोपण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नरेगा योजना के तहत खारे पानी वाले क्षेत्रों में घरेलू कुंड स्वीकृत किए जाने पर भी विचार चल रहा है। उन्होंने बिजली व पानी आपूर्ति की समीक्षा करते हुए कहा कि दोनों विभागों का चोली दामन का साथ है, इसलिए आपसी समन्वय बनाकार कार्य करें। उन्होंने कहा कि विद्युत व पेयजल आपूर्ति सुचारू बनी रहे तथा आने वाली गर्मी में वि़द्युत व पेयजल आपूर्ति की समस्या नहीं रहे, इसके लिए अभी से तैयारी करें। उन्होंने कहा कि जहां से भी इस संबंध में शिकायत मिले, उसका तुरंत निस्तारण करें।
शिक्षा मंत्री ने जिला कलक्टर से कहा कि नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों के प्रशिक्षण आयोजित कर उन्हें बताएं कि वे किस प्रकार सरकार की कल्याणकारी योजनाओं में लोगों को अधिकाधिक लाभ दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि नरेगा मस्टररोल नाम लिखकर ही जारी किए जाएं। शिक्षा मंत्री ने पंचायत समितियों में 26 लाख की लागत से भारत निर्माण राजीव गांधी ई सेवा केंद्र 30 मार्च से पहले पूर्ण कराने के निेर्देश देते हुए कहा कि ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर भी 15 जून से पूर्व आईटी सेंटर बन जाने चाहिए।
स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि जिन उप स्वास्थ्य केें्रद्रों में लेबर रूम नहीं हैं, उनकी सूची तुरंत भिजवाएं और सभी स्वास्थ्य कें्रद्रों पर आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जिन गांवों में आवश्यकता से अधिक स्कूल चल रहे हैं, उन्हें एकीकृत किया जाएगा, इससे अध्यापकों की कमी से निजात मिलेगी और संसाधनों का सदुपयोग हो सकेगा। उन्होंने बताया कि इस बार प्रवेशोत्सव एक मई से 15 मई तक चलेगा, जिसके लिए शिक्षा अधिकारी अभी से तैयारी करें। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्कूलों में एक कमरा दिया जाएगा, जिनमें वे पूर्व प्राथमिक स्तर के बालकों को खेल-खेल में शिक्षा देंगी। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों को नामांकन, ठहराव, पोषाहार और परीक्षा के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
बैठक में प्रभारी मंत्री गुरमीत सिंह कुन्नर ने कहा कि महानरेगा में भ्रष्टाचार रोकने के लिए अधिकारी आकस्मिक रूप से कार्यस्थलों पर जाएं और अनियमितता मिलने पर सख्त कार्यवाही करते हुए संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएं। पेयजल समस्या के संंबंध में प्रभारी मंत्री ने कहा कि गंभीर पेयजल संकट वाले स्थानों की सूची बनाकर अभी से कार्य योजना बनाएं और सुनिश्चत करें कि कोई भी गांव पेयजल आपूर्ति से वंचित नहीं रहे। उन्होंने कहा कि इस बैठक में लिये गये निर्णयों के परिणाम अगली बैठक में सामने आने चाहिए। उन्होंने समाज कल्याण अधिकारी से कहा कि किसी भी प्रकार की अनियमितता सामने आने पर निष्पक्ष एवं त्वरित जांच करते हुए योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कार्य करें क्योंकि समाज का दलित व निर्धन तबका विभाग की योजनाओं से सर्वाधिक प्रभावित होता है। उन्होनें नरेगा में सामग्री खरीद के टेंडर में दरों की समीक्षा के निेर्देश दिए।
जिले में चल रही विभिन्न सरकारी योजनाओं व विकास कार्यों की प्रगति की जानकारी देेते हुए जिला कलक्टर डॉ के के पाठक ने बताया कि जिले में नरेगा के लिए 2, 50000 परिवार पंजीकृत है, जिसमें से फिलहाल 40 हजार लोग विभिन्न कार्यों में नियोजित है तथा 46 हजार लोग एक सौ दिन पूरे कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि नरेगा में सौ दिन पूरे कर चुके लोगों को अकाल राहत अंतर्गत रोजगार दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिले के 88 स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षण का कार्य सुचारू चल रहा है।
बैठक में सहकारिता, वन विभाग, इंदिरा आवास, पन्नाधाय जीवन अमृत योजना, कृषि, पशुपालन आदि विभिन बिंदुओं पर विचार विमर्श कर आवश्यक निर्देश अधिकारियों को दिए गए। इस मौैके पर जिला प्रमुख कौशल्या पूनिया, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अबरार अहमद, कोषाधिकारी अंजू गोयल, शिक्षा उपनिदेशक बलराम मीणा, जिला शिक्षा अधिकारी (मा) गजेंद्र शेखावत, जिला शिक्षा अधिकारी (प्रा) ओमप्रकाश जांगिड़, समाज कल्याण अधिकारी रामनिवास यादव, चूरू प्रधान रणजीत सातड़ा, सुजानगढ के पूर्व प्रधान व जिप सदस्य पूसाराम गोदारा, राजगढ बीडीओ गोपीराम महला सहित नरेगा, पेयजल, विद्युत, महिला एवं बाल विकास विभागों के अधिकारी, एसडीएम, विकास अधिकारी आदि मौजूद थे।
शिक्षा मंत्री व प्रभारी मंत्री ने रविवार को बीस सूत्री व पंद्रह सूत्री अल्पसंख्यक कल्याण कार्यक्रम को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक में भी अधिकारियों को शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
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विश्व महिला दिवस पर विधिक साक्षरता शिविर आयोजित
चूरू, 08 मार्च। विश्व महिला दिवस के मौके पर सोमवार को महिला मंडल चूरू के तत्वावधान में संतोषी देवी भवन में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर को संबोधित करते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट उर्मिला वर्मा ने कहा कि आज देश की आधी आबादी महिलाओं की है। महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरुक रहते हुए पीड़ित होने पर डटकर अन्याय से मुकाबला करना होगा। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों से सबंधित अन्याय के विरूद्ध बने कानूनों की जानकारी देते हुए कहा कि कानूनों का प्रयोग छतरी की तरह करें। उन्होंने महिला शिक्षा पर भी बल दिया। महिला मंडल की अध्यक्ष राज जैन ने महिलाओं को ‘सब एक के लिए’ व ‘एक सब के लिए’ नारे के साथ संगठित होने की बात कही। इस मौके पर जिला विधिक चेतना समिति की सदस्य व्याख्याता सरोज हारित व व्याख्याता आशादेवी कोठारी ने विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी व महिलाओं को अधिकारों के प्रति जागरुक रहने का आह्वान किया। संचालन सरोज हारित ने किया।
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महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता जरूरी ः कलक्टर
चूरू, 08 मार्च। महिला एवं बाल विकास विभाग परिसर में विश्व महिला दिवस पर समारोह का आयोजन किया गया। जिला कलक्टर डॉ के के पाठक ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
जिला कलक्टर ने इस मौके पर कहा कि समय बदल रहा है और महिलाएं समाज में सशक्त बनकर उभर रही हैं लेकिन महिलाओं का वास्तविक सशक्तिकरण उनके आत्मनिर्भर बनने से ही होगा। उन्होंने लिंगभेद की समाप्ति के लिए महिलाओं को ही सार्थक पहल करने की अपील की। मुख्य कार्यकारी अधिकारी अबरार अहमद ने स्वयं सहायता समूह कार्यक्रम को गति देने व इन्हें आयजनक गतिविधियों से जोड़ने की अपील की। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती उर्मिला वर्मा ने महिलाओं को घरेलू विवादों का समाधान आपसी समन्वय से करने तथा सामाजिक मर्यादाओं की पालना पर बल दिया। कोषाधिकारी अंजू गोयल ने महिलाओं की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने की बात कही। मुंसिफ मजिस्ट्रेट रामपाल जाट ने घरेलू हिंसा, दहेज निर्वाह भत्ता आदि कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी। प्रारंभ में क्षेत्रीय उप निदेशक सावित्री शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया। सीडीपीओ दीपक कपिला ने विभागीय प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों की करीब दो सौ महिलाओं ने भाग लिया। संचालन पुष्पलता मंडार ने किया। राजूराम मीणा, बेला शर्मा, कमला चौधरी व सीता शर्मा ने आयोजकीय भागीदारी निभाई।
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