बुधवार, 3 मार्च 2010

लोकरंग से सराबोर प्रस्तुतियों ने मन मोहा

पर्यटन राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढा ने किया होली महोत्सव का शुभारंभ

चूरू, 03 मार्च। संप्रति संस्थान एवं जिला पत्रकार संघ चूरू की ओर से बागला स्कूल मैदान में आयोजित होली महोत्सव का रात्रि 09 बजे ढोल-नगारे की ताल, ढप की थाप, बांसुरी की मधुर स्वर लहरी और वीणा कैसेट्स के कलाकारों के लोकगीतों एवं लोकनृत्य के साथ आगाज हुआ। पर्यटन राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढा ने मुख्य अतिथि के रूप में दीप प्रज्ज्वलित कर 25 वें होली महोत्सव व स्व. दुर्गेश पुरस्कार समारोह का शुभारंभ किया।
इस मौके पर पर्यटन मंत्री ने कहा कि हमारे लोकगीत व नृत्य हमारी अस्मिता के प्रतीक हैं और लोक संस्कृति को अक्षुण्ण बनाये रखना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की संस्कृति पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान रखती है। उन्होेंने कलाकारों एवं आयोजकों की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन हमें अपनी जड़ों से जोड़े रखते हैं।
कार्यक्रम में स्थानीय कलाकारों एवं वीणा कैसेट्स के कलाकारों ने एक से बढकर एक कार्यक्रम प्रस्तुत कर श्रोताओं को देर रात तक बांधे रखा। राजलदेसर के लोक कलाकारों ने चंग की थाप पर चंग नृत्य, नगारे व ढोल की ताल व बांसुरी की स्वर लहरियों के साथ शेखावाटी का सुविख्यात गींदड़ और चंग नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जिसे देखकर श्रोताओं के पांव अनायास ही थिरकने लगे। देर रात तक चले इस कार्यक्रम में वीणा कैसेट के कलाकारोंंंंंं ने एक से बढकर एक प्रस्तुतियां देकर श्रोताओं की वाहावाही लूटी। कलाकारों ने होली के धमाल, घूमर नृत्य, एकल गीत, युगल, गीत एवं नृत्य प्रस्तुत कर चूरू शहर को लोक संस्कृति और फागुन के रंग में सराबोर कर दिया।
वीणा कैसेट की कलाकार सुप्रिया ने ‘चांद चढ्यो गिगनार किरतां ढल आई आधी रात पिवजी अब तक घरां न पधार मारूड़ी थारी बिलखै छै जी बिलखै छै’, ‘ छिप जाई रे चंदा बादळ में, पिया की नजर म्हारै काजळ पर’, ‘चांदनी रात चमक रह्यो चंदो’, ‘कुए पर एकली’, ‘बाईसा रा बीरा जैपर जाज्यो सा’, ‘जल जमना रो पाणी किंया ल्यांऊ ओ रसिया पतली कमर म्हारी लुल लुल जाय’, ‘मिश्री रो बाग लगा दे रसिया’, ‘धरती धोरां री’ आदि गीतों की शानदार प्रस्तुति देकर दर्शकों का मन मोह लिया। इन प्रस्त्ुतियों को देखकर दर्शक तालियों के साथ नाचने लग गए। सुप्रिया और मनोहर द्वारा प्रस्तुत युगल गीतों पर भी श्रोता झूम उठे। इसके अलावा वीणा कैसेट के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत चंग नृत्य, ‘घड़लो थाम ले देवरिया’, ‘कबूतर जा साजन रे देश लेज्या म्हारो तूं संदेश बेगो उड़ज्या रे’ सहित होली की धमाल एवं अन्य कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए जिसे लोगों ने खूब पंसद किया।
समारोह में रामसरा (चूरू) की बालिका पूजा और प्रियंका ने चरी नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। संप्रति संस्थान की ओर से 1100 रुपए एवं केसी मालू की ओर से एक हजार रुपए की नकद राशि पुरस्कार स्वरूप दोनों बालिकाओं को प्रदान की गई। इस अवसर पर पर्यटन राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढा ने लोक संस्कृति के लिए हनुमान आदित्य, साहित्य के लिए बनवारी लाल खामोश तथा शिक्षा में उत्कृष्ट कार्य के लिए अनुप्रिया बागड़ी केा प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर केसी मालू ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
समारोह में सांसद नरेंद्र बुढानिया, रतनगढ विधायक राजकुमार रिणवां, पूर्व मंत्री हमीदा बेगम, पूर्व मंत्री अश्क अली टाक, नगर परिषद के पूर्व सभापति रमाकांत ओझा, गौरीशंकर मंडावेवाला, जिला परिषद सदस्य धर्मेंद्र बुढानिया, हुसैन सैयद, राधेश्याम चोटिया सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, गणमान्य नागरिक, पत्रकार, संप्रति संस्थान के पदाधिकारी एवं काफी संख्या में दर्शकगण मौजूद थे। प्रारंभ में आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने अतिथियों को साफा पहनाकर एवं माल्यार्पण कर स्वागत किया।
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