गुरुवार, 1 अप्रैल 2010

लोकरंग की खुशबू ने सजाई यादगार शाम

राजस्थान दिवस पर जिला प्रशासन की ओर से टाऊन हॉल में आयोजित सांस्कृतिक संध्या ने मन मोहा
चूरू, 31 मार्च। जिले के कलाकारों ने दुनिया भर में मशहूर फनकारों के साथ मिलकर रंग-रंगीली मरूधरा के लोकगीतों, लोकनृत्यों और लोकवाद्यों के जरिए मंगलवार को ऎसी खूबसूरत और यादगार शाम सजाई, जो शहरवासियों के जेहन में लंबे समय तक ताजा रहेगी। अवसर था राजस्थान दिवस के मौके पर जिला प्रशासन की ओर से जिला मुख्यालय स्थित मातुश्री कमला गोइन्का टाऊन हॉल में संजोई गई सांस्कृतिक संध्या का। पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर से जुड़े कलाकारों और स्थानीय कलाकारों ने अपनी रोचक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के जरिए दर्शकों को देर रात तक बांधे रखा।
जिला कलक्टर डॉ के के पाठक के मुख्य आतिथ्य में देर रात तक चले कार्यक्रम में कलाकारों ने एक से बढकर एक लोकगीत व लोकनृत्य प्रस्तुत कर श्रोताओं को दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का आगाज स्थानीय कलाकार सुमित्रा सिंह ने गणेश वंदना ‘घर में पधारो गजानंद जी म्हारै घर में पधारो’ से कर सुधि दर्शकों के दिलो-दिमाग पर दस्तक दी। विजय लक्ष्मी ने ‘कण कण में गूंजे जय जय राजस्थान’ प्रस्तुत कर मरूधरा की महिमा का बखान किया, जिस पर दर्शकों के पांव अनायास ही थिरकने लगे। रतननगर की संगीता स्वामी ने सांईबाबा के भजन का मर्मस्पर्शी गायन कर भावविभोर कर दिया। डाइट की छात्राध्यापिकाओं ने ‘म्हारै छैल भंवर रो कांगसियों’ गीत पर सामूहिक नृत्य से तालियां बटोरी तो एसके मेमोरियल स्कूल की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत ‘देखो ढोल नगारा बाजे रै’ नृत्यगीत पर भी दर्शक थिरके बिना नहीं रह सके। कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत ‘म्हारा छैल भंवर का अलगोजा’ दर्शकों को बेहद पंसद आया। रामसरा की पूजा और प्रियंका की प्रस्तुतियों को भी दर्शकों ने खुले दिल से सराहा। बड़ौदा ग्रामीण स्वरोजगार संस्थान की कलाकार मनीषा सारस्वत द्वारा पंजाबी गीत पर प्रस्तुत नृत्य ने खूब तालियां बटोरी।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर से अनुबंधित बृज लोक कला संस्थान मथुरा के पन्नालाल एवं साथियों ने बृज वंदना, मयूर नृत्य एवं बरसाने की होली की शानदार प्रस्तुतियां देकर माहौल को बृजमय बना दिया और दर्शकों पर खासा प्रभाव छोड़ा। जोधपुर के सुरनाथ कालबेलिया और साथियों ने कालबेलिया नृत्य, भवाई नृत्य एवं तेरहताली नृत्य की मनभावन प्रस्तुति देकर दर्शकों का मन मोह लिया। भवाई नृत्य पर तो दर्शक दंग रह गए। सिर पर गिलास और उन पर एक के बाद एक सात चरी रखकर नर्तकी ने तलवार की धार पर नृत्य के लिए अपने पांव रखे तो एक क्षण के लिए जैसे दर्शकों की सांस ही ठहर गई। इसी मुद्रा में कांच के गिलास पर नृत्य देखकर भी दर्शक दांतों तले अंगुली दबाए बिना नहीं रह सके। कालबेलिया की प्रस्तुति के दौरान नर्तकी ने पीठ के बल मुड़कर अपनी पलकोें से अंगूठियां और मुंह से नोट उठाकर दिखाया तो दर्शक देखते ही रह गए।
प्रारंभ में जिला कलक्टर डॉ के के पाठक ने मां सरस्वती के चित्र के सम़क्ष दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर अतिरिक्त कलक्टर बी एल मेहरड़ा ने सभी को राजस्थान दिवस की बधाई देते हुए अपेक्षा जताई कि भविष्य में भी इस तरह के गरिमामयी कार्यक्रमों के लिए सभी का सहयोग मिलता रहेगा। अतिथियों ने इस मौके पर कलाकारों को प्रतीक चिन्ह व प्रमाण पत्र प्रदान किए। समारोह में मुख्य कार्यकारी अधिकारी अबरार अहमद, उपखंड अधिकारी उम्मेद सिंह, उप पंजीयक मुरारीलाल शर्मा, पीआरओ रामप्रसाद शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी सहित अन्य अधिकारी, पत्रकार, गणमान्य नागरिक और दर्शक मौजूद थे। संचालन कमल कोठारी एवं मोहनलाल त्रिवेदी ने किया।
कार्यक्रम में ंआए लोगों ने टाऊन हॉल में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से लगाई गई प्रदर्शनी को भी गौर से देखा और सराहा।
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