बुधवार, 24 फ़रवरी 2010

नरेगा में तकनीकी अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण

चूरू, 24 फरवरी। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत तकनीकी अधिकारियों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण बुधवार को जिला परिषद सभागार में शुरू हुआ। प्रशिक्षण के पहले दिन नरेगा से संबंधित विभिन्न तकनीकी पहलुओं पर व्यावहारिक रूप से सामने आने वाली परेशानियों के समाधान को लेकर चर्चा हुई।
जिला कलक्टर डॉ के के पाठक ने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि नरेगा के सुचारू संचालन में तकनीकी अधिकारियों की भूमिका सभी चरणों में महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कार्ययोजना निर्माण, कार्य स्वीकृति, कार्य शुरू करवाने, कार्यस्थल पर संपूर्ण सुविधाएं देने तथा कार्य में गुणवत्ता सुनिश्चित करने आदि सभी पहलुओं में तकनीकी अधिकारियों को सकारात्मक सोच के साथ सतर्कता और सावधानी के साथ काम करने की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि तकनीकी अधिकारी यह ध्यान रखें कि कार्य का माप ठीक से हो तथा मजदूरों को भुगतान समय पर हो जाए। उन्होंने कहा कि मस्टररोल, मेजरमेंट व भुगतान की नई व्यवस्था में उनके काम को आसान करने का प्रयास किया गया है। अब महीने की एक से 14 तथा 16 से 29 तारीख तक पंचायतों को रोटेशन के मुताबिक लगातार मस्टररोल जारी होंगे तथा जारी होने की तिथि से ही पखवाड़ा माना जाएगा। इससे एक साथ मेजरमेंट व भुगतान का दबाव नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों में नरेगा के सुचारू संचालन के लिए गठित स्थाई समिति को एक्टिवेट करें और यह सुनिश्चित करे कि यह केवल कागजी समिति बनकर नहीं रह जाए। जिला कलक्टर ने बताया कि चुनाव संपन्न होने के बाद अब नरेगा की उपलब्धियां बढ रही हैं तथा जिले में अधिक लोगों को रोजगार मिल रहा है।
जिला कलक्टर ने कहा कि मेट, ग्रामसेवक व ग्राम रोजगार सहायक अपने काम में जितने दक्ष होंगे, उतनी ही कम परेशानी तकनीकी अधिकारियों को होगी, इसलिए सही मार्गदर्शन देकर उनसे काम करवाएं। उन्होंने कहा कि सामाजिक संरचना के मुताबिक नरेगा श्रमिकों के ग्रुप बनाएं और भुगतान इस तरह से करवाएं कि काम करने वाले श्रमिक प्रोत्साहित हों। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अबरार अहमद ने भी इस मौके पर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए और कहा कि नरेगा श्रमिकों को पता होना चाहिए कि उन्हें कितने कार्य पर कितना भुगतान होगा। उन्होंने कहा कि नरेगा में किसी प्रकार की लापरवाही पाये जाने पर मेट बदल दें। प्रशिक्षण के दौरान बीएसआर में परिवर्तन पर विचार विमर्श किया गया। प्रशिक्षणार्थियों को पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से भी नरेगा कार्यक्षेत्र में उपयोगी बारीकियां बताई गईं। कार्यस्थल पुस्तिका, मेट डायरी व मेजरमेंट बुक से संबंधित आवश्यक निर्देश दिए गए। इस मौके पर नरेगा अधिशाषी अभियंता प्रशांत सिंह, एमआईएस मैनेजर भंवर सिंह बीका सहित सहायक अभियंता, कनिष्ठ तकनीकी सहायक मौजूद थे।
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