मंगलवार, 23 फ़रवरी 2010

फर्जी समूह बनाने वाले एनजीओ को मिलेगा नोटिस


चूरू, 23 फरवरी। जिले में लोगों को केवल सब्सिडी का सब्जबाग दिखाकर फर्जी स्वयं सहायता समूह बनाने वाले गैर सरकारी संगठनों को नोटिस दिया जाकर उन पर कार्यवाही की जाएगी। जिला कलक्ट्रेट सभागार में मंगलवार को जिला स्तरीय बैंकिंग सलाहकार समिति की बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अबरार अहमद ने यह निर्देश दिए।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बैठक में बैंक अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि गैर सरकारी संगठनों को स्वयं सहायता समूह बनाते समय समूह के सदस्यों को सरकार के वास्तविक कल्याणकारी लक्ष्यों के बारे में बताना चाहिए और जिस कार्य के लिए ऋण व सब्सिडी स्वीकृत किया जाता है, वह वास्तव में स्थापित होना चाहिए ताकि लोगाें के रोजगार के साधन विकसित हो सकें। उन्होंने कहा कि बैंक अधिकारी समन्वित प्रयास करते हुए वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही में लक्ष्य पूरे करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा प्रायोजित जिन योजनाओं के आवेदन बैंकों में विचाराधीन व लंबित हैं, उन्हें शीघ्र निस्तारित करें, जिससे कि ल़क्ष्य हासिल हों। उन्होंने कहा कि यदि रिपोर्टिंग में कोई कमी है तो उसे दुरस्त किया जाए ताकि उपलब्धि दिखाई दे। उन्होंने बताया कि अब एसजीएसवाई योजना में समूह की बाध्यता नहीं रही है तथा व्यक्तिगत ऋण भी दिए जा सकते हैं, इसलिए अब अधिकाधिक लोगों को लाभान्वित कर लक्ष्य पूरे करें।
बैठक में रिजर्व बैंक के प्रतिनिधि एम एस कनक ने कहा कि बैंकविहीन सभी गांवों को बैंकीकृत किया जाएगा। इसके लिए जिले के सभी बैंकों के अधिकारी आपस में समन्वय बनाकर कार्य शुरू करें। सभी बैंकों की उपलब्धियों पर प्रतिक्रिया करते हुए उन्होंने कहा कि यदि हर तिमाही में लक्ष्य निर्धारित कर उन्हें पूर्ण कर लिया जाए, तो वर्ष के अंत में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आती है लेकिन यदि हम शुरू में लापरवाही करते हैं तो बाद में दिक्कत आनी स्वभाविक ही है।
अग्रणी बैंक प्रबंधक के सी खरखोदिया ने गत तिमाही तक की प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि 31 जनवरी तक वार्षिक साख योजना में 78.88 प्रतिशत, कृषि क्षेत्र में 78.88 प्रतिशत, फसली ़ऋण क्षेत्र में 88.63 प्रतिशत उपलब्धि हासिल हुई है। उन्होंने बताया कि जिले के समस्त बैंकों की गत तिमाही में बढकर 1868.29 रुपए हो गई है। उन्होंने बताया कि रोडा एक्ट में वर्ष 2009-10 के दौरान 273.70 लाख रुपए के138 मामलों का निस्तारण किया गया है तथा 116 मामलों में 218.77 लाख रुपए बकाया हैं। बैठक में सभी सूत्रों में विशेष उपलब्धियों के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की सराहना की गई। बैठक में डीआईसी महाप्रबंधक देवेंद्र कुमार धूत, नाबार्ड के एके शर्मा, केजी गुप्ता, अमरसिंह वर्मा, टीआर मीणा, एलएल मीणा, शांतनु नंदी, विक्रम सिंह सहित विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि व संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।
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