गुरुवार, 11 फ़रवरी 2010

कम होगा बस्ते का बोझ


शिक्षा मंत्री ने राज्य पाठ्यपुस्तक वितरण केंद्र भवन का उद्घाटन, कहा- हर जिले में बनेगा वितरण केंद्र और सरकारी स्कूलों में किताबों के साथ अभ्यास पुस्तिकाएं भी मिलेंगी मुफ्त
चूरू, 11 फरवरी। शिक्षा, श्रम एवं नियोजन मंत्री मास्टर भंवर लाल मेघवाल ने कहा है कि प्रत्येक जिले में पाठ्यपुस्तक वितरण केंद्र भवन बनाया जाएगा और आगामी सत्र से सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को पुस्तकों के साथ-साथ अभ्यास पुस्तिकाएं भी मुफ्त मिलेंगी।
शिक्षा मंत्री मेघवाल शुक्रवार को जिला मुख्यालय के नजदीक गाजसर में 91.25 लाख की लागत से नवनिर्मित राजस्थान राज्य पाठ्यपुस्तक वितरण केंद्र भवन के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सत्र 2011-12 से राज्य में सीबीएसई के मुताबिक पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा और यदि संभव हुआ तो गणित, विज्ञान व अंग्रेजी की किताबें तो इसी साल से ही सीबीएसई के मुताबिक तैयार करवाई जाएंगी।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि बच्चों के कंधों से बस्ते का बोझ कम करने के लिए सरकार उस प्रस्ताव पर विचार कर रही है, जिसके मुताबिक बच्चे को प्रत्येक माह में एक ही किताब स्कूल में लानी होगी। उन्होंने बताया कि इस किताब में बच्चे को संबंधित माह में पढाए जाने वाले सभी विषयों के पाठ समाहित होंगे। इससे प्रत्येक विषय के शिक्षक को भी अपना पाठ्यक्रम समय से पूरा कराना होगा, नहीं तो उसकी कामचोरी साफ उजागर हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार बालिका शिक्षा के प्रसार के लिए विशेष प्रयास कर रही है। राज्य में बीपीएल चयनित परिवारों के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए 200 कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय शुरू किए गए हैं तथा 100 गल्र्स हॉस्टल खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि नवोदय विद्यालय की तर्ज पर राज्य में 186 मॉडल स्कूल इसी सत्र में शुरू किए जाने की योजना है । उन्होंने कहा कि सरकार का यह मानना है कि शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन के लिए सभी प्रकार की सुविधाओं का प्रसार जरूरी है और इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पंचायत समिति में राजीव गांधी सेवा केंद्र खोले जा रहे हैं तथा आगामी वित्तीय वर्ष में प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर कम्प्यूटर सेवा केंद्र खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रत्येक पांच किलोमीटर की दूरी पर माध्यमिक एवं प्रति दस किमी दूरी पर उच्च माध्यमिक विद्यालय खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 2500 विद्यालयों में कम्प्यूटर लैब स्थापित कर कम्प्यूटर शिक्षा प्रारंभ कर दी गई है तथा शीघ्र ही 2500 अन्य स्कूलों में कम्प्यूटर लैब स्थापित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि जुलाई तक सभी विद्यालयों में प्रधानाचार्य और प्रधानाध्यापकों के रिक्त पदों को भरा जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में पहली कक्षा में ही अंग्रेजी की पढाई अनिवार्य की जाएगी और शिक्षा के स्तर मे ंसुधार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों के हितों की सुरक्षा के लिए काम कर रही है और इसी के चलते करीब 25 हजार पदोन्नतियां की गई हैं लेकिन शिक्षकों को भी पूरे समर्पण के साथ काम करते हुए राज्य में शिक्षा के ढांचे को सुधारने के लिए सहयोग करना होगा।
स्कूल एवं संस्कृत शिक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव सियाराम मीणा ने कहा कि राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी निर्णय लिए जा रहे हैं, जिससे आने वाले समय में सरकारी स्कूलों में शिक्षण की गुणवत्ता में अभूतपूर्व सुधार देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि सर्व शिक्षा अभियान की तर्ज पर राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान से प्रदेश में शिक्षा के प्रसार को गति मिलेगी। राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल की सचिव मनीषा अरोडा ने इस मौके पर कहा कि मंडल द्वारा सरकारी स्कूलों में वितरण के लिए पुस्तकों के प्रकाशन का कार्य किया जाता है। उन्होंने प्रत्येक जिले में वितरण केंद्र भवन बनाए जाने के निर्णय पर प्रसन्नता व्यक्त की। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे शहर विधायक मकबूल मंडेलिया ने आभार जताया। जिला प्रमुख कौशल्या पूनिया, केसर देवी, पूर्व विधायक इंद्रसिंह पूनिया कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि थे।
इससे पूर्व शिक्षा मंत्री ने पट्टिका अनावरण और फीता काटकर भवन का उद्घाटन किया। अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवल से समारोह की शुरुआत हुई। पीके बागला स्कूल की बालिकाओं ने सरस्वती वंदना और स्वागत गीत प्रस्तुत किए। माध्यमिक शिक्षा उपनिदेशक बलराम मीणा, प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक शिवजीराम चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक गजेंद्र सिंह शेखावत, बृजेंद्र दाधीच, रतनलाल पूनिया, सांवरमल गहनोलिया, सरपंच लिखमाराम आदि ने अतिथियों का माल्यार्पण व गुलदस्ते भेंटकर स्वागत किया। कार्यक्रम में पूर्व जिला प्रमुख भंवर लाल पुजारी, सरपंच नानगराम, शकुंतला शर्मा सहित काफी संख्या में शिक्षा अधिकारी, शिक्षक, जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीण मौजूद थे।
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