सोमवार, 1 अगस्त 2011

सबको मुफ्त दवा योजना की समुचित क्रियान्विति के निर्देश

चूरू , 01 अगस्त। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की जिला स्तरीय बैठक का आयोजन शनिवार को रतनगढ़ के टीबी क्लीनिक में किया गया।

सीएमएचओ डॉ प्रशान्त खत्री ने चिकित्सा अधिकारियों को संबोधित करते हुए बताया कि 2 अक्टूबर से राजकीय अस्पतालों में सर्वाधिक उपयोग में आने वाली 325 तरह की दवाइयां सभी रोगियों को निःशुल्क दी जायेंगी। दवाएं क्रय करने हेतु निदेशालय द्वारा राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन (आर.एम.एस.सी.) की स्थापना की गई है। दवाइयां कम्पनी से सीधे जिला औषधि भण्डार केन्द्र पर आएंगी एवं जिला अस्पताल, उप जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों द्वारा जिला औषधि भण्डार केन्द्र से दवाइयां ली जाएंगी। दवा वितरण करने हेतु सभी राजकीय अस्पतालों में उपयुक्त जगहों का चयन करके रोगियों के आने की संख्या के अनुसार दवा वितरण केन्द्र बनाये जाएंगे, जहां से निःशुल्क दवाइयों का वितरण किया जाएगा। प्रत्येक दवा वितरण केन्द्र पर कम्प्यूटर ऑपरेटर की आवश्यकता रहेगी, जो दवाइयों का रिकॉर्ड कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर में मेेटेंन रखेगा। सभी राजकीय चिकित्सालयों एवं जिला औषधि भण्डार में 4 महीने का स्टॉक एडवांस में रखा जायेगा।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रशान्त खत्री ने बताया कि निदेशालय द्वारा आदेश दिये गये हैं कि जिले के सभी अस्पताल सप्ताह के सातों दिन 24 घण्टे खुले रहेंगे एवं किसी भी परिस्थिति में पीएचसी पर ताला नहीं लगेगा। पीएचसी पर कार्यरत चिकित्सक अस्पताल समय के अलावा ऑन काल उपलब्ध रहेंगे।

उन्होंने बताया कि प्रत्येक चिकित्सक अस्पतालों में उपलब्ध दवाइयों के अनुसार जेनरिक दवाइयां ही लिखें जिससे रोगियों को दवाइयां निःशुल्क उपलब्ध हो सकें। प्रत्येक चिकित्सक रोगियों की 2 पर्ची बनायेगा जो एक रोगी के पास रहेगी और एक दवा वितरण केन्द्र पर जमा होगी जिससे प्रत्येक माह चिकित्सक की पर्चियों की जांच की जायेगी।

सुजानगढ़ बीसीएमओ डॉ महेश वर्मा ने बताया कि 15 अगस्त से जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (जे.एस.एस.के.) शुरू किया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत गर्भवती महिलाओं एवं 0 से 30 दिन तक के नवजात शिशुओं को दवाइयां, सभी जांचें, रेफरल ट्रांसपोर्ट एवं आउटडोर, इनडोर पर्चियों का चार्ज आदि सभी निःशुल्क रहेगा। रेफरल ट्रांसपोर्ट के लिए 108, बेस एंबुलेंस एवं प्राइवेट टेक्सियों का प्रयोग किया जायेगा। रेफरल ट्रांसपोर्ट में घर से अस्पताल में आने एवं अस्पताल से वापस घर जाने के दोनों ट्रांसपोर्ट निःशुल्क रहेंगे। गर्भवती महिला को साधारण प्रसव एवं सिजेरियन प्रसव के समय आवश्यक दवाइयां निःशुल्क उपलब्ध होगी एवं साधारण प्रसव उपरांत 2 दिन एवं सिजेरियन प्रसव उपरांत 7 दिन तक अस्पताल में भर्ती रहना होगा, जहां उसके लिए गर्म खाने की व्यवस्था भी की जायेगी।

सीएमएचओ ने नसंबदी के लिए चिकित्सा कर्मियों को दिये गये लक्ष्यों के बारे में जानकारी देते हुए अगस्त माह में लगने वाले तहसील अनुसार नसबंदी शिविरों एवं मेगा नसबंदी शिविरों के बारे में जानकारी दी ।

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