सोमवार, 1 अगस्त 2011

गरीबों के सपनों को साकार करेगी आवास योजना ः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री गहलोत ने रतनगढ में आयोजित सम्मेलन में बांटे मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना के स्वीकृति पत्र, कहा- योजना में भ्रष्टाचार नहीं होगा बर्दाश्त

चूरू, 27 जुलाई। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा है कि अपना आशियाना हर व्यक्ति की बुनियादी जरूरत और उसका सपना होता है। राज्य के हर गरीब से गरीब व्यक्ति की इस जरूरत केा पूरा करने और उसके सपने को साकार करने के लिए राज्य में मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना में आवासहीन बीपीएल परिवारों को स्वीकृति पत्र प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की यह मंशा है कि प्रत्येक व्यक्ति को उसका आवास का अधिकार हासिल हो।

मुख्यमंत्री बुधवार को रतनगढ के नेहरू स्टेडियम में मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना के तहत आयोजित पंचायत समिति स्तरीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि बीपीएल लोगों को रोटी और कपड़ा मुहैया उपलब्ध कराने के लिए महानरेगा योजना चलाई जा रही है तथा आवासहीन गरीब व बीपीएल परिवारों को आवास उपलब्ध कराने के लिए बीपीएल आवास योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत प्रदेश में आने वाले तीन साल में दस लाख आवास बनाए जाएंगे तथा इस पर 3400 करोड़ रुपए खर्च होंगे। उन्होंने कहा कि इंस योजना में स्वीकृति महिला के नाम से दी जा रही है तथा जहां भूमिहीन परिवारों को पट्टे दिए जाएंगे, वे भी महिलाओं के नाम से ही बनेंगे। गहलोत ने कहा कि राज्य के 34 लाख बीपीएल परिवारों को दो रुपए किलो की दर से गेहूं वितरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि योजना के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और अनियमितता सामने आने पर संबधित को नौकरी से निकाल दिया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी स्वयं दोषी की होगी। उन्होंने कहा कि सरकार की यह मंशा है कि शिक्षा, सूचना व रोजगार के अधिकार की तरह लोगों को खाद्यान्न सुरक्षा व आवास का अधिकार भी मिले। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार फूड सिक्योरिटी एक्ट लाने जा रही है, जिसके बाद किसी व्यक्ति को अनाज की कमी नहीं रहेगी।

सरकार ने पांच साल तक किसानो ंको दी जाने वाली बिजली की दरें नहीं बढाने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि सरकार महंगी दर पर विद्युत खरीदकर सस्ते दरों पर बिजली किसानों को उपलब्ध करा रही है। राज्य में 11 हजार 500 मेगावाट बिजली के उत्पादन के लिए 14 इकाइयों की स्वीकृति जारी की गई है, जिसके क्रियान्वयन के बाद राज्य ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो जाएगा। उन्होंने राज्य में गिरते भूजल स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हमें भविष्य के जलसंकट से बचने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग को अपनाना ही पड़ेगा। इसके लिए शहरी क्षेत्रों में बनने वाले नए मकानों में वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाना अनिवार्य किया गया है। पानी के परंपरागत स्रोतों का रखरखाव करना होगा। उन्होंने कहा कि खेत का पानी खेत में और गांव का पानी गांव में रहे, इसके लिए प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि महानरेगा योजना के बाद गांवों से पलायन रुका है और लोगों की क्रय शक्ति बढी है। उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकार से जागरुकता का माहौल बनने लगा है। आमजन केा किसी भी तरह के भ्रष्टाचार के खिलाफ इसका ज्यादा से ज्यादा उपयोग करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने लड़का-लड़की के अनुपात में आ रहे बदलाव व जनसंख्या वृद्धि पर चिंता जाहिर करते हुए भ्रूण हत्या रोकने और जनसंख्या वृद्धि पर अंकुश लगाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि लड़का-लडकी में भेद नहीं करें तथा दोनों को उच्च शिक्षा दिलाएं ताकि देश का चहुंमुखी विकास हो सके। उन्होंने कहा कि सरकार आठवीं से आगे अध्ययन करने वाली सभी बालिकाओं को साइकिल वितरित करने जा रही है। राज्य में पानी की कमी को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे कम पानी में अधिक उत्पादन देने वाली फसलों का उत्पादन करें और ड्रिप इरिगेशन को अपनाएं। उन्होंने कहा कि रतनगढ व सुजानगढ क्षेत्र के 329 गांवों के लिए आपणी योजना का दूसरा चरण स्वीकृत हो गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास हुआ है । उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में शहरी और ग्रामीण विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है लेकिन सरकारी प्रयासों के साथ-साथ आमजन की सक्रिय भागीदारी भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि राज्य में दो अक्टूबर से हर व्यक्ति को सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दवा उपलब्ध कराई जाएगी।

पूर्व मंत्री चंद्रभान ने इस मौके पर कहा कि मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना गरीबों की जिंदगी में तब्दीली और खुशहाली लाएगी। राज्य सरकार और मुख्यमंत्री ने हमेशा महात्मा गांधी की भावना को ध्यान में रखते हुए गरीब आदमी को केंद्र में रखकर काम किया है। उन्होने कहा कि सरकार ने गांव-गांव और ढाणी-ढाणी में इतने विकास कार्य कराए हैं कि आज दूरदराज गांव के आमजन को भी शहरी लोगों की तर्ज पर सारी सुविधाएं मिल रही हैं।

समारोह में कलक्टर विकास एस भाले, जिला प्रमुख श्रीमती कौशल्या पूनिया, चूरू विधायक हाजी मकबूल मंडेलिया, अभिनेष महर्षि, रतनगढ विधायक राजकुमार रिणवां ने विचार व्यक्त किए। संचालन सीईओ अबरार अहमद ने किया। इस मौके पर जिले के प्रभारी एवं कृषि विपणन राज्य मंत्री गुरमीत सिंह कुन्नर, प्रभारी सचिव डॉ आर वेंकटेश्वरन, राज्यसभा सांसद नरेंद्र बुढानिया व अश्क अली टाक, रफीक मंडेलिया, संसदीय सचिव इंद्रसिंह पूनिया, पूर्व मंत्री हमीदा बेगम, पूर्व विधायक नंदलाल पूनिया, रतनगढ प्रधान संतोष तालणियां, चूरू प्रधान रणजीत सातड़ा, रियाजत खान, संजय पूनिया सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, अधिकारी, पत्रकार व नागरिक उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने रतनादेसर, गौरीसर व दाउदसर के सरपंचों को योजना के किट प्रदान किए और लाभान्वित महिलाओं को स्वीकृति पत्र प्रदान किए। इस मौके पर उन्होंने बैंक प्रतिनिधियों को योजना के तहत लाभान्वितों को जारी की जाने वाली राशि के चैक भी प्रदान किए गए। इससे पूर्व समारोह स्थल पर ही बनाए गए हैलीपैड पर जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों ने मुख्यमंत्री की अगवानी की।

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