सोमवार, 5 जुलाई 2010

आपसी समन्वय से होगा जल समस्या का समाधान - कलक्टर


कलक्ट्रेट सभागार में पानी पंचायतों, पानी फैडरेशनों व ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों के प्रतिनिधियों की बैठक में कलक्टर ने दिए अधिकारियों को निर्देश
चूरू, 01 जुलाई। आपणी योजना से जुड़े गांवों में पानी आपूर्ति के विभिन्न पहलुओं पर मंथन के लिए गुरुवार को कलक्ट्रेट सभाकक्ष में पानी पंचायतों, पानी फैडरेशनों और ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों के प्रतिनिधियों की बैठक हुई। जिला कलक्टर डॉ कृष्णाकांत पाठक की अध्यक्षता में हुई बैठक में कलस्टर वार आपणी योजना में जलापूर्ति पर चर्चा की गई।
जिला कलक्टर डॉ कृष्णाकांत पाठक ने बैठक के दौरान कहा कि बढती आबादी के साथ-साथ जल संकट समूची दुनिया के सामने एक भयावह संकट के रूप में सामने आता जा रहा है और हम भी इससे कहीं अछूते नहीं है। हम सभी को मिल-बैठकर इस संकट का समाधान खोजना होगा। हमें पेयजल के उपयोग में मितव्ययता को बढावा देना पड़ेगा और साथ ही साथ वैकल्पिक एवं परंपरागत स्रोतों पर ध्यान देना होगा, खासकर बरसाती पानी के संरक्षण को लेकर खासी संभावनाएं हैं।
जिला कलक्टर ने बताया कि गर्मी के पिछले दिनों आपणी योजना में जलापूर्ति में सुधार के लिए खासे प्रयास किए गए हैं और इसके चलते सुधार हुआ भी है लेकिन फिलहाल भी काफी गुजाइश है। अधिकारियों और आमजन दोनों को ही इसके लिए मिलजुल कर कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने पानी पंचायत एवं ग्राम जल स्वच्छता समितियों के प्रतिनिधियों से कहा कि वे छोटी-मोटी समस्याओं को अपने स्तर पर संभालना सीखें और समाधान के लिए रचनात्मक प्रयास करें। उन्होंने कहा कि आपणी योजना में टंकियों की सफाई और बरसाती पानी के संरक्षण के लिए टांकों का निर्माण महानरेगा में किया जा सकता है। इसके लिए यदि ग्राम पंचायत प्रस्ताव नहीं भेजती है तो आप सीधे प्रस्ताव भेजें, उनकी स्वीकृति जारी कर दी जाएंगी। अवैध कनेक्शन हटवाने के लिए समझाइश करें और यदि इसके बाद भी लोग नहीं मानते हैं तो उन पर प्रशासन का सहयोग लेकर कार्यवाही करें। पानी की चोरी करने वालों पर आपराधिक मुकदमों के साथ-साथ आर्थिक जुर्माना भी लगाएं ताकि लोग इससे बाज आएं। उन्होंने पानी पंचायत तथा ग्राम जल स्वच्छता समितियों की रिपोर्ट को अधिकृत मानकर पानी चोरी का मुकदमा दर्ज करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि जब आप एफआईआर कराते हैं तो इसकी एक प्रति जिला मुख्यालय भी भेज दें ताकि समुचित कार्यवाही की जा सके। उन्होंने कहा कि पानी पंचायतों एवं समितियों को मजबूत करने के लिए आप किसान क्लब के रूप मेें इसे विकसित करने पर आपकी आय के स्रोत बढ सकते हैं।
जिला कलक्टर ने आपणी योजना के अधीक्षण अभियंता को निर्देश दिए कि यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी अपने कर्तव्यों में लापरवाही करता है तो तुरंत उसके खिलाफ कार्यवाही करें। उन्होंने योजना में सभी टंकियों की सफाई वर्ष में दो-तीन बार नियमित रूप से करने, फिल्टर प्लांट नियमित रूप से चालू रखने और टंकियों में ब्लीचिंग पावडर नियमित रूप से डालने के निर्देश दिए।
इस दौरान गावोंं में अतिरिक्त पीएसपी लगाने, उच्च जलाशयों की सफाई, पंपों की रिपेयर, चांदेड़ी बड़ी में जलापूर्ति के लिए अतिक्ति डीजल पंप लगाने, गंदे पानी की शिकायतों पर नमूने लेकर प्रयोगशालाओं में भेजने सहित विभिन्न बिंदुओं पर विचार-विमर्श के बाद आवश्यक निर्देश जारी किए गए।
बैठक में आपणी योजना के अधीक्षण अभियंता एस के शर्मा, निदेशक गौतम साधु, भौरूका चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी अशोक अग्रवाल, प्रोजेक्ट लीडर देवानंद श्रीवास्तव, अमिताभ बनर्जी सहित योजना से जुड़े अधिकारी व पानी पंचायत, पानी फैडरेशन व ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
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